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Tulsi Vivah 2024: तुलसी विवाह के दिन करें ये 3 उपाय, विवाह में आ रही बाधाएं हो जाएंगी दूर!

Tulsi Vivah 2024: इस साल तुलसी विवाह पर्व 13 नवंबर, 2024 को पड़ रहा है। मान्यता है कि इस शुभ मौके पर कुछ खास उपाय करने से मन में सोचा हुआ काम पूरा होता है। आइए जानते हैं, भगवान विष्णु और तुलसी माता का विवाह क्यों करवाया जाता है और इस दिन कौन-सा विशेष उपाय करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
08:07 AM Nov 11, 2024 IST | Shyam Nandan
tulsi vivah 2024  तुलसी विवाह के दिन करें ये 3 उपाय  विवाह में आ रही बाधाएं हो जाएंगी दूर

Tulsi Vivah 2024: हिन्दू धर्म में तुलसी से अधिक पवित्र पौधा कोई नहीं है। यही कारण है कि हर हिन्दू के घर, आंगन, बालकनी या दरवाजे पर तुलसी का चौरा या गमला दिख जाता है। सनातन पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह कराया जाता है। पौराणिक कथा के मुताबिक, इस तिथि तिथि को देवी तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप से कराया जाता है। यह दिव्य दिन इस बार 13 नवंबर, 2024 को पड़ रहा है।

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मान्यता है कि तुलसी विवाह के शुभ मौके पर कुछ खास उपाय करने से मां तुलसी सहित भगवान विष्णु की कृपया प्राप्त होती है, मन में सोचा हुआ काम पूरा होता है, निर्धनों को धन मिल जाता है, अविवाहितों की शादी हो जाती है या विवाह की अड़चनें दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं, भगवान विष्णु और तुलसी माता का विवाह क्यों करवाया जाता है और इस दिन कौन-सा विशेष उपाय करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

क्यों कराते हैं भगवान विष्णु और मां तुलसी का विवाह

एक समय में दैत्यों के एक महाबलशाली राजा हुए थे जलंधर। उसकी पत्नी वृंदा एक महान विष्णुभक्ति स्त्री थी। वृंदा की विष्णु भक्ति से वह अखंड सुहागिन रहती थी। जलंधर महान योद्धा था, उसने तीनों लोकों को अपने वश में कर रखा था। उसने भगवान शिव को ललकार रखा था, लेकिन उसे हरा पाना मुश्किल था, क्योंकि वह अपनी पतिव्रता पत्नी वृंदा के कारण अजेय था।

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कहते हैं, तब भगवान विष्णु ने एक छल किया और जलंधर का रूप धरकर वृंदा का पतिव्रता धर्म भंग कर दिया, जिसके फलस्वरूप जलंधर भगवान शिव के हाथों मारा गया। दूसरी ओर, पतिव्रता धर्म भंग होने और अशुद्ध हो जाने के बाद वृंदा ने न केवल आत्मदाह कर लिया बल्कि भगवान विष्णु को पत्थर हो जाने का शाप दे दिया। भगवान विष्णु के इस रूप को ही ‘शालिग्राम’ कहा जाता है। जहां पर वृंदा ने आत्मदाह किया था, उस स्थान पर एक तुलसी का पौधा प्रकट हुआ। भगवान विष्णु ने वरदान दिया कि तुलसी का विवाह उनके शालिग्राम स्वरूप से होगा और उनकी पूजा में तुलसी के बिना अपूर्ण होगी। तभी से विष्णुरुपी शालिग्राम का विवाह वृंदा यानी तुलसी से होता है।

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तुलसी विवाह के दिन करें ये उपाय

मंगलाष्टक का पाठ: तुलसी विवाह के दिन मंगलाष्टक का पाठ करना दांपत्य जीवन में आ रही समस्याओं का समाधान और प्रेम संबंधों में मधुरता लाने का एक पुराना और प्रभावी उपाय माना जाता है। इस उपाय से दांपत्य जीवन में आ रही तनाव और कड़वाहट दूर होती है और दोनों के संबंध में सकारात्मकता और मधुरता आती है।

घी का दीया जलाना: घी का दीया जलाना एक प्राचीन भारतीय रीति है। घर में सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए तुलसी विवाह के दिन मां तुलसी के सामने घी के 7 दीये जलाएं। प्रेम संबंध की समस्याओं के समाधान के लिए तुलसी माता को लाल कलावा और धन की समस्या को दूर करने के लिए पीला कलावा बांधें।

तुलसी विवाह करवाएं: सदा सुहागन यानी अखंड सौभाग्य की कामना करने वाली स्त्रियों और युवतियों को या संतान प्राप्ति का संकल्प रखने वाले दंपतियों कोतुलसी विवाह के दिन भगवान शालिग्राम और मां तुलसी का विधि-विधान से विवाह जरूर करवानया चाहिए।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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