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Varuthini Ekadashi: आज है वरुथिनी एकादशी? जानें किस शुभ मुहूर्त में की जाएगी भगवान विष्णु की पूजा

Varuthini Ekadashi 2024 Kab Hai: वैदिक पंचांग के अनुसार, वरुथिनी एकादशी का व्रत वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। बता दें कि इस बार वरुथिनी एकादशी का व्रत 4 मई यानी आज रखा जाएगा। आज इस खबर में जानेंगे कि वरुथिनी एकादशी की शुभ तिथि, मुहूर्त और महत्व क्या है।
06:20 AM May 04, 2024 IST | Raghvendra Tiwari
varuthini ekadashi  आज है वरुथिनी एकादशी  जानें किस शुभ मुहूर्त में की जाएगी भगवान विष्णु की पूजा

Varuthini Ekadashi 2024 Kab Hai: सनातन धर्म में एकादशी तिथि का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है। पंचांग के अनुसार, साल में 24 एकादशी का व्रत रखा जाता है। सभी एकादशी व्रत का अपना अलग-अलग महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 24 अप्रैल 2024 दिन बुधवार से वैशाख माह की शुरुआत हो चुकी है। वैशाख माह हिंदू वर्ष का दूसरा महीना है।

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख माह का महत्व हिंदू धर्म में बेहद ही खास है। क्योंकि इसमें कई सारे पर्व-त्योहार और व्रत पड़ते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को वरुथिनी एकादशी व्रत रखा जाता है। एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु की पूजा विधि-विधान से की जाती है। आज इस खबर में जानेंगे कि वरुथिनी एकादशी कब है, शुभ मुहूर्त क्या और महत्व क्या है।

कब है वरुथिनी एकादशी

वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2024 में वरुथिनी एकादशी का व्रत आज यानी 4 मई दिन शनिवार को रखा जाएगा। बता दें कि इस दिन जो लोग एकादशी का व्रत रखते हैं उन्हें कन्यादान करने के बराबर फल की प्राप्ति होती है। साथ ही वरुथिनी एकादशी का व्रत रखने के साथ ही माहात्म्य का पाठ करने से एक सौ गाय का दान करने का पुण्य प्राप्त होता है।

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पूजा मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि की शुरुआत 3 मई दिन शुक्रवार को रात 11 बजकर 24 मिनट पर होगी। बता दें कि वरुथिनी एकादशी व्रत की समाप्ति अगले दिन यानी 4 मई को रात 8 बजकर 38 मिनट पर होगी। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 7 मई को सुबह 7 बजकर 18 मिनट से लेकर सुबह के 8 बजकर 58 मिनट तक है।

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एकादशी का महत्व

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जो लोग वरुथिनी एकादशी के दिन व्रत रखते हैं, उन्हें दस सहस्र वर्ष तपस्या करने के बराबर फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सौभाग्य का वरदान मिलता है। इस दिन अन्न दान करने से देवता, पितृ देव और मनुष्य सभी लोग प्रसन्न होते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। 

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