whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.

Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री की पूजा इन 2 सामग्रियों से रह सकती है अधूरी, करें ये उपाय

Vat Savitri Vrat 2024: पति की लंबी आयु और आरोग्य के लिए रखा जाने वाला वट सावित्री व्रत हिन्दू सुहागन महिलाओं का एक बहुत महत्वपूर्ण पर्व है। इसमें कई विशिष्ट सामग्रियों से वट वृक्ष की पूजा की जाती हैं। कलावा और बांस का पंखा इनमें काफी महत्वपूर्ण है। यदि ये न उपलब्ध न हों, तो यहां बताए गए ये उपाय करें।
10:17 AM Jun 06, 2024 IST | Shyam Nandan
vat savitri vrat 2024  वट सावित्री की पूजा इन 2 सामग्रियों से रह सकती है अधूरी  करें ये उपाय

Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री की पूजा हिन्दू धर्म की सुहागन महिलाओं के लिए एक बहुत पावन पर्व है। इस पूजा की तैयारी वे हफ्तों पहले से करने लगती हैं। महिलाएं सोलह श्रृंगार कर इस दिन वट वृक्ष की परिक्रमा और मौली बांध कर विशेष पूजा करती हैं, ताकि उनके पति की उम्र लंबी हो, वे स्वस्थ रहें और जीवन में तरक्की करें। इस व्रत की पूजन-सामग्रियों में वट वृक्ष की डाल, भिगोए हुए काले चने, बांस का पंखा और कलावा या मौली सबसे महत्वपूर्ण सामग्रियां हैं। इन चीजों के बिना वट सावित्री की पूजा अधूरी मानी जाती हैं। इस पूजा की बाकी अन्य सामग्रियां, सामान्य पूजन सामग्रियां है, जो आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।

कलावा या मौली उपलब्ध न हो तो क्या करें?

कलावा या मौली का वट सावित्री की पूजा में बहुत ज्यादा महत्व है। सुहागन महिलाएं वट वृक्ष के तने में लाल-पीले कलावे को परिक्रमा कर लपेटती हैं और वृक्ष की पूजा करती हैं। मान्यता है कि वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ में मृत्यु के देवता यमराज का वास करते हैं। इसलिए इस वृक्ष की पूजा कर महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए उनसे प्रार्थना करती हैं। यदि आपके पास मौली या कलावा नहीं है, तो आप सफेद सूत या कपड़ा सीने वाले धागे को हल्दी या केसर से रंग कर उसका इस्तेमाल वट सावित्री पूजा के लिए कर सकती हैं।

बांस का पंखा न हो तो क्या करें?

बांस का पंखा भी वट सावित्री पूजा की एक सबसे जरूरी चीज है। कहते हैं, जब सत्यवान मृत्यु के प्रभाव से मूर्छित हो गए थे, तब देवी सावित्री ने उन्हें शीतलता देने के लिए बांस के पंखे से हवा दी थी। इसलिए वट सावित्री पूजा में बांस का पंखा अर्पित करने की परंपरा है। यदि यह सामग्री उपलब्ध नहीं हो पाती है, तो आप इसके बदले में कोई भी हाथ पंखा चढ़ा सकती हैं। यदि ये भी नहीं मिल पाई है, तो आप वट वृक्ष की डाल में एक लाल छोटी चुन्नी बांध कर उसे पंखे का रूप दे सकती हैं। इससे भी आपकी विधि पूरी हो जाएगी और आपकी पूजा संपन्न मानी जाएगी।

नोट कर लें संपूर्ण सामग्रियां

यहां वट  अक्षत (अरवा चावल), बांस का पंखा, वट वृक्ष की डाल, कलावा या मौली, मौसमी फल (आम, लीची, खरबूज, तरबूज आदि), लाल-पीले पुष्प माला, भिगोए हुए काले चने, धूपबत्ती या अगरबत्ती, पान के पत्ते, सुपारी, गंगाजल, केले के पत्ते, कपड़े की आसनी, मिट्टी का एक कलश, दीया, रुई की बाती, देसी घी, जल पात्र (तांबे या पीतल का लोटा), सिंदूर, रोली, पिसी हुई हल्दी, मिठाई और मिष्टान्न जैसे खीर, हलवा आदि।

ये भी पढ़ें: सावित्री ने क्यों चुना वनवासी सत्यवान को पति? यहीं से शुरू होती है निष्ठा और समर्पण की अनोखी कथा

ये भी पढ़ें: Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री पूजा में क्यों चढ़ाते हैं बांस का पंखा, जानें कथा और महत्व

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Tags :
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो