Vidura Niti: यदि आपमें है ये 5 गुण, हर काम में हासिल होगी जीत; मुट्ठी में होगी दुनिया!
Vidura Niti: विदुर महाभारत के एक प्रमुख और केंद्रीय पात्र हैं। वे हमेशा ज्ञान, विवेक और धर्म के लिए जाने जाते हैं, क्योंकि उनका पूरा जीवन ही ज्ञान, विवेक, धर्म और सत्य के आचरण पर टिका था। वे धर्म के प्रति अत्यंत समर्पित थे, उन्होंने धर्म के मार्ग पर चलने का महत्व अपने कर्म से समझाया। विदुर जी की नीतियां समय और काल से परे हैं, जो हर युग और हर पीढ़ी के लिए उपयोगी सिद्ध हुई हैं। विदुर नीति आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी वे प्राचीन काल में थीं।
भगवान कृष्ण भी करते थे विदुर का सम्मान
विदुर महाभारत के एक ऐसे पात्र हैं, जो उपेक्षित भी रहे और सम्मानित भी। उन्हें वह सम्मान नहीं मिला जो धृतराष्ट्र और पांडु के सौतेले भाई होने के नाते उन्हें मिलना चाहिए थे। उन्हें राजमहल जगह नहीं मिली थी। वे महल से अलग एक कुटिया में रहते थे। लेकिन अपनी विद्वता, ज्ञान और निष्पक्षता के लिए बेहद सम्मानीय थे। भगवान कृष्ण ने भी विदुर जी के ज्ञान और लोगों के कल्याण के प्रति उनके समर्पण का सम्मान किया। आइए जानते हैं, अपनी पुस्तक विदुर नीति में उन्होंने किन गुणों को अति-आवश्यक बताया है, जिससे हर काम में सफलता मिलती है और जिसके भरोसे मनुष्य दुनिया को भी जीत सकता है?
ये भी पढ़ें: Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा ने हनुमान चालीसा की हर पंक्ति को बताया महामंत्र, जानें उनके अनमोल विचार!
विवेक बल
विदुर नीति बुद्धि से अधिक विवेक को महत्व दिया गया है, क्योंकि बुद्धि, कम या अधिक, सभी इंसान में है। विदुर ने विवेकयुक्त बुद्धि को किसी व्यक्ति की सबसे बड़ी सम्पत्ति बताई है। वे बताते हैं, यदि आप विवेकशील हैं, तभी बुद्धिमानी से सही निर्णय ले पाएंगे और काम को सफल बना पाएंगे।
ज्ञान बल
विदुर स्वयं महाज्ञानी थे। उन्होंने ज्ञान अर्जित करने पर बहुत बल दिया है। वे बताते हैं कि यदि आपके पास ज्ञान है, वही आपको बुद्धिमान और विवेकशील बनाता है। ज्ञान एक मशाल यानी एक टॉर्च की तरह है, जिसकी रोशनी में व्यक्ति खुद आगे बढ़ता है और सफलता पाता है और दूसरों को भी सही रास्ता दिखाता है।
मेहनत
विदुर नीति के अनुसार, जिन लोगों में मेहनत करने की काबिलियत नहीं है, वे कभी सफल नहीं होते हैं। उद्यम और मेहनत के बल पर ही मनुष्य जीवन में हर कदम पर सफल हो सकता है। विदुर नीति पुस्तक बताती है कि यदि बुद्धि और विवेक से उचित परिश्रम करते हैं, तो ऐसे में कोई भी लक्ष्य मुश्किल या बड़ा नहीं है। मेहनत के बल पर इंसान किसी भी लक्ष्य को हासिल कर लेता है फिर दुनिया आपकी मुट्ठी होती है।
निष्पक्षता
विदुर नीति में निष्पक्षता को एक साधना और तपस्या की तरह बताया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि वे स्वयं इसे जीते थे। विदुर हमेशा निष्पक्ष रहते थे। उन्होंने किसी भी पक्षपात के बिना निर्णय लिए। यदि वे पांडवों के समर्थक थे, तो इसकी वजह उनके गुणों और धर्म-परायणता थी। यही वह गुण था, जिससे वे कौरवों और पांडवों के बीच सम्मानित थे।
निडरता और साहस
विदुर नीति के अनुसार, दुनिया को जीतने के लिए व्यक्ति का निडर और साहसी होना बेहद जरूरी है। जीवन में आने वाली सभी चुनौतियों से निपटने के लिए बुद्धि और विवेक से पहले निडरता और साहस जैसे गुण आवश्यक होते हैं। क्योंकि , एक निडर व्यक्ति ही अपने सभी निर्णयों पर कायम रहता है। बता दें कि विदुर स्वयं एक साहसी व्यक्ति थे। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य और साहस का परिचय दिया था।
Hast Rekha Shastra: क्या आपकी हथेली पर बने हैं बॉक्स और वर्ग के निशान, तो हो जाइए खुश क्योंकि…
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।