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Padam Puran Story: कौन हैं शिव जी के आराध्य देव, जिसके ध्यान में लीन रहते हैं देवाधिदेव महादेव?

Padam Puran Story: देवों के देव महादेव हमेशा ध्यान में लीन रहते हैं। आप सभी ने देखा होगा कि भगवन शिव हमेशा ध्यान की मुद्रा में ही रहते हैं। अब यहां ये प्रश्न उठता है, जब शिवजी देवों के देव हैं तो वो किसका ध्यान करते हैं? चलिए जानते हैं पदमपुराण इसके बारे में क्या कहता है?
04:14 PM Sep 29, 2024 IST | Nishit Mishra
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What does Lord Shiva meditate on?

Padam Puran Story: महादेव को सृष्टि का संहारकर्ता कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने ही विष्णु जी को इस सृष्टि का पालनहार बनाया, ब्रह्मा जी को सृष्टि की रचना करने का कार्य दिया तो,  फिर भगवान शिव ध्यान में किस देवता के नाम का जप करते हैं?

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पदमपुराण की कथा

पदमपुराण के उत्तराखंड में वर्णित कथा के अनुसार एक दिन माता पार्वती ने भगवान शिव से पूछा स्वामी! जब आप ध्यान में लीन होते हैं तो किसका ध्यान करते हैं? तब महादेव ने कहा प्रिय मैं तुम्हारे इस प्रश्न का उत्तर जल्द ही दूंगा। कुछ दिन के बाद भगवान शिव बुध कौशिक ऋषि के स्वप्न में आए और उनसे कहा हे ऋषिवर! आप राम रक्षास्रोत को लिखें। परन्तु ऋषि कौशिक ने स्वप्न में बड़े ही विनम्रता से भगवान शिव से कहा प्रभु!  मैं इस रक्षास्रोत को नहीं लिख सकता। मैं इसे लिखने में असमर्थ हूं। तब भगवान शिव ने स्वप्न में ही ऋषि कौशिक को सम्पूर्ण राम रक्षास्रोत कह सुनाया। अगले दिन ऋषि बुध कौशिक ने राम रक्षास्रोत को लिपिबद्ध कर दिया।

शिव जी के आराध्यदेव कौन हैं?

फिर अगले दिन भगवान शिव ने माता पार्वती से कहा प्रिय मैं जब भी ध्यान में लीन रहता हूं, राम नाम का जप करता हूं। अपने स्वामी की बातें सुनकर माता पार्वती ने कहा हे स्वामी! राम जी तो श्री विष्णु के अवतार हैं। आप साक्षात विष्णु जी का स्मरण न कर उनके अवतार राम नाम का जप क्यों करते हैं? तब शिव जी ने कहा प्रिय जैसे प्यासा मनुष्य पानी को  याद करता है, वैसे ही मैं व्याकुल होकर राम नाम का स्मरण करता हूं। जैसे पतिव्रता नारी अपने पति का स्मरण करती रहती हैं,  वैसे ही मैं भी विष्णु जी के साक्षात स्वरूप राम के नाम का स्मरण करता रहता हूं। श्री राम के नाम के जप से सारे पापों का नाश होता है। राम नाम विष्णु जी के सहस्त्र नामों के बराबर है। इसलिए मैं हमेशा राम नाम का रमण करता हूं।

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श्री राम करते हैं शिवजी की पूजा

वहीं रामायण  में बताया गया है कि श्री विष्णु जी के अवतार प्रभु श्री राम हमेशा भगवान शिव का ध्यान करते हैं। हम सभी जानते हैं कि लंका यानि रावण से युद्ध करने से पहले प्रभु श्री राम ने रामेश्वरम में भगवान शिव के लिंग स्वरूप की पूजा की थी , जिसे आज रामेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है। पुराणों में बताया गया है कि  भगवान शिव और प्रभु श्री राम एक-दूसरे के पूरक हैं , जो भी मनुष्य  श्री राम या शिवजी के नाम का जप करता उसे दोनों का ही भक्त माना जाता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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