डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
किस दिन और तिथि को नहीं करनी चाहिए मंदिर की सफाई? जानिए कारण और क्या कहते हैं नियम
Mandir Cleaning Tips: घर का मंदिर और पूजा-स्थल घर की सबसे पवित्र जगह है। पूरे घर में सबसे अधिक सकारात्मक ऊर्जा यहीं पर होती है। घर में रोज पूजा-पाठ करने से भगवान की कृपा से घर धन-धान्य से भरा रहता है। सनातन धर्म की मान्यताओं और परंपराओं के अनुसार पूजा करने से पहले मंदिर की सफाई रोज करनी चाहिए। सुबह का समय इसके लिए सबसे उत्तम माना गया है। आइए जानते हैं, पूजा स्थल से जुड़े कुछ नियमों के बारे में जानेंगे कि कब और किस दिन मंदिर की साफ सफाई करना शुभ माना जाता है और कब मंदिर की सफाई नहीं करनी चाहिए।
मंदिर की सफाई क्यों करनी चाहिए?
हिन्दू धर्म में तन और मन के साथ परिवेश और घर स्वच्छता पर बहुत जोर दिया गया है। मंदिर को विशेष तौर पर साफ रखना जरुरी है, क्योंकि माता लक्ष्मी को गंदगी बिल्कुल पसंद नहीं है। अगर मंदिर में साफ सफाई नहीं रहती है तो माता लक्ष्मी घर में वास नहीं करती है। घर में पैसों की तंगी बनी रहती है। इसलिए पूजा स्थल और मंदिर हमेशा को साफ और स्वच्छ रखना जरुरी है, ताकि घर और परिवार पर माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहे और घर की सुख-समृद्धि कभी कम नहीं हो।
किस दिन करनी चाहिए मंदिर की सफाई?
यदि आप रोजाना मंदिर की सफाई करते हैं, तो यह सबसे अच्छी बात है, लेकिन यदि ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, तो आप प्रत्येक शनिवार मंदिर की साफ-सफाई अवश्य करें। हिन्दू धर्म में शनिवार का दिन मंदिर की साफ-सफाई करने के लिए शुभ दिन माना गया है। मान्यता है कि इस दिन मंदिर की साफ-सफाई करने से धन की समस्या दूर होती है।
इसके अलावा प्रत्येक महीने की अमावस्या की तिथि को मंदिर और पूजा स्थल की सफाई को हिन्दू धर्म में बहुत अच्छा माना गया है। साथ प्रत्येक बड़े तीज-त्योहार पर मंदिर की सफाई जरूर करनी चाहिए, क्योंकि वार और तिथि यानी से बड़ा त्योहार होता है।
कब और क्यों नहीं करनी चाहिए मंदिर की सफाई
रात का समय भगवान के विश्राम का होता है, इसलिए मंदिर की सफाई हमेशा दिन में ही करनी चाहिए। रात में साफ-सफाई करने से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।
कभी पूजा करने के तुरंत बाद भी मंदिर या पूजा-स्थल की साफ-सफाई नहीं करनी चाहिए। इससे सकारात्मक समाप्त तुरंत समाप्त हो जाता है।
जब तक मंदिर में दीपक जल रहा हो या अगरबत्ती या धूप-बत्ती जल रहा हो, उस उस दौरान कभी भी मंदिर की साफ सफाई नहीं करनी चाहिए।
किस दिन नहीं करनी चाहिए मंदिर साफ सफाई
जिस प्रकार शनिवार का दिन साफ-सफाई करने के लिए उत्तम दिन माना जाता है। ठीक उसी प्रकार सप्ताह के दिनों में गुरुवार ऐसा दिन है, जिस दिन पूजा स्थल या मंदिर साफ-सफाई नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा एकादशी तिथि के दिन भी मंदिर की साफ-सफाई करना अशुभ माना जाता है। गुरुवार को छोड़कर सप्ताह के बाकी दिनों में मंदिर की साफ सफाई कर सकते हैं।
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