whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

Ganesh Puran Story: साल के इस दिन जो भी चन्द्रमा को देखता है, वह पापी कहलाता है!

Ganesh Puran Story: हम सभी जानते हैं कि शाप के कारण ही चन्द्रमा 15 दिन बढ़ते हैं और 15 दिन घटते हैं। इसी शाप के कारण कृष्ण और शुक्ल पक्ष होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चन्द्रमा को एक ऐसा भी शाप मिला था जिसे वह आज तक भुगत रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि चन्द्रमा के इस रूप को जो कोई भी देख लेता है वह पाप का भागीदार हो जाता है।
10:12 AM Sep 30, 2024 IST | Nishit Mishra
ganesh puran story  साल के इस दिन जो भी चन्द्रमा को देखता है  वह पापी कहलाता है

Ganesh Puran Story: भगवान गणेश को हिन्दू धर्म में सबसे पहले पूजा जाता है। वैसे तो गणेशजी को बड़ा ही शांत देवता माना जाता है लें एक बार वह इतने क्रोधित हो कि चंद्रदेव को एक भयानक शाप दे डाला। आइए जानते हैं कि वह शाप क्या था और उससे चन्द्रमा को कैसे मिली मुक्ति?

Advertisement

गणेश पुराण की कथा

एक दिन कैलाश पर्वत पर देवगण और ऋषिगण के साथ ब्रह्माजी आए हुए थे। उन सब के साथ भगवान शिव और माता उमा भी बैठी हुई थी। वहीं गणेश और कुमार कार्तिकेय अन्य बालकों के साथ खेल रहे थे। भगवान शिव के हाथ में एक दिव्य फल था। भगवान शिव मन ही मन सोच रहे थे यह फल किसे दूं? कुछ देर बाद उन्होंने पार्वती जी से पूछा तो वह पहले बोली गणेश को दे दीजिए, फिर कुछ देर बाद बोली कुमार कार्तिकेय को देना उचित होगा। यह सुन भगवान शिव ने उस फल को अपने पास ही रख लिया। कुछ देर बाद गणेश जी और कुमार कार्तिकेय वापस आए तो दोनों फल की मांग करने लगे। तब भगवान शिव ने वहां बैठे ब्रह्माजी से कहा, यह दिव्य फल देवर्षि नारद दे गए थे। इसे दोनों बालक मांग रहे हैं। फल एक ही है, ऐसी स्थित में आप ही बताइए कि फल किसे दूं? तब ब्रह्माजी ने कहा हे प्रभु यदि फल एक ही है तो नियम के हिसाब से इसे कुमार कार्तिकेय को दिया जाना चाहिए। क्योंकि किसी भी वस्तु पर पहला अधिकार बड़े बालक का होता है।

गणेश जी का क्रोध

ब्रह्मा जी की बातें सुनकर भगवान शिव ने वह दिव्य फल कुमार कार्तिकेय को दे दिया। यह देख गणेश जी क्रोधित हो गए। उनका क्रोध ब्रह्मा जी पर था। कुछ समय बाद सभी देवता अपने-अपने लोक वापस चले गए। परन्तु ब्रह्माजी अपने लोक पहुंचकर जैसे ही सृष्टि की रचना करने लगे, वैसे ही गणेश जी ने विघ्न डाल दिया। उस समय उन्होंने प्रकट होकर अपना अत्यंत उग्र रूप दिखाया। गणेश जी के उग्र रूप को देखकर ब्रह्माजी डर से कांपने लगे। जब चंद्रदेव ने देखा कि गणपति के उग्र रूप को देखकर ब्रह्माजी कांप रहे हैं तो उन्हें हंसी आ गई। चंद्रदेव को हंसता हुआ देख गणेश जी और क्रोधित हो गए। क्रोध में ही उन्होंने चंद्रदेव को शाप देते हुए कहा तूने इस तरह हंसकर मेरा अपमान किया है। इस अपमान का दंड तुझे अवश्य ही मिलेगा। जा तू किसी के भी देखने योग्य नहीं रहेगा और यदि कोई भूल से भी तुझे देख लेगा तो वह अवश्य ही पाप का भागी बनेगा। इतना कहकर गणेश जी वहां से अंतर्ध्यान हो गए।

Advertisement

चन्द्रमा का रंग मलिन हो गया

इधर गणेश जी के शाप से चंद्रदेव का रंग मलिन हो गया। उनके तेज में भी कमी आ गई। अपने इस रूप को देखकर चंद्रदेव व्याकुल हो उठे और अपनी भूल पर पछताने लगे। वह मन ही मन इस शाप से छुटकारा पाने का उपाय सोचने लगे। काफी देर सोचने के बाद वह देवराज इंद्र के पास गए। परन्तु इंद्रलोक में बैठे सभी देवताओं और गंधर्वों ने चंद्रदेव को देखते ही अपनी आंखें बंद कर ली। देवराज ने भी आंखें मूंदकर ही चंद्रदेव से पूछा चंद्रदेव ! आपकी ये दशा कैसे हुई? क्या यह गणेशजी के शाप का प्रभाव है? देवराज के प्रश्नों का उत्तर देते हुए चंद्रदेव बोले देवराज! आप सब जानते हैं फिर अनजान बनने का दिखावा क्यों कर रहे हैं? मुझे इस शाप से मुक्त होने का कुछ उपाय बताइए। अन्यथा समस्त संसार ही मेरे शापित होने का अशुभ फल भोगेगा। देवराज ने चंद्रदेव को सांत्वना देते हुए कहा चलो इसका उपाय ब्रह्माजी से पूछते हैं।

गणेश जी हुए प्रसन्न

सभी देवता ब्रह्मलोक पहुंचे परन्तु जैसे ही ब्रह्मा जी को पता चला चन्द्रमा आ रहा है उन्होंने भी अपनी दृष्टि नीचे कर ली। फिर देवराज ने ब्रह्माजी से कहा प्रभु जब गणेश्वर आप पर कुपित थे तो चन्द्रमा ने उनका अपमान किया था। फिर गणेश जी ने इनको शाप दे दिया। अब आप ही बताइए इस से कैसे छुटकारा पाया जाए। ब्रह्मा जी ने कहा गणेश्वर ने शाप दिया है तो अब वही इस से मुक्ति भी दिला सकते हैं। जाओ चन्द्रमा को आगे रखकर उन्हीं का पूजन एवं स्तवन करो। उसके बाद सभी देवता चन्द्रमा के साथ गणेश जी का पूजन करने लगे। कुछ समय बाद गणेश जी प्रकट हुए और चन्द्रम से बोले मैं तुम से प्रसन्न हूं। मैं तुम्हे शाप से पूर्णतया मुक्त तो नहीं कर सकता लेकिन साल में एक दिन तुम इस रूप में अवश्य दिखोगे। इस दिन जो कोई भी तुझे देखेगा वह पाप का भागीदार होगा। ऐसा माना जाता है कि इसी शाप के कारण भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन चन्द्रमा को नहीं देखना चाहिए।

Advertisement

ये भी पढ़ें: Chhath Puja 2024: इन 9 चीजों के बिना अधूरी रहती है छठ पूजा, 5वां आइटम है बेहद महत्वपूर्ण!

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो