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Tirupatibalaji Mandir: तिरुपति बालाजी पर भी है कर्ज! कलयुग के अंत तक भरना पड़ेगा

TirupatiBalaji Mandir: आंध्रप्रदेश स्थित तिरुपति बालाजी का मंदिर इन दिनों सुर्ख़ियों में बना हुआ है। ऐसा माना जा रहा है कि वहां पर लोगों को जो प्रसाद दिया जाता है उसमें फिश ऑयल और जानवरों की चर्बी मिली होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सालाना हजारों करोड़ की कमाई करने के बाद भी तिरुपति बालाजी को सभी देवताओं में सबसे गरीब क्यों माना जाता है?
04:53 PM Sep 20, 2024 IST | Nishit Mishra
tirupatibalaji mandir  तिरुपति बालाजी पर भी है कर्ज  कलयुग के अंत तक भरना पड़ेगा

TirupatiBalaji Mandir: वैसे तो हमारे देश में तिरुपति बालाजी के कई मंदिर हैं, लेकिन आंध्रप्रदेश में स्थित  तिरुपति बालाजी मंदिर को सबसे दिव्य माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां भगवान विष्णु स्वयं निवास करते हैं।  तिरुपति बालाजी मंदिर की गिनती सबसे अमीर मंदिरों में होती है।   लेकिन विष्णु पुराण में एक कथा का वर्णन मिलता है जिसके अनुसार  तिरुपति बालाजी कलयुग के अंत तक कर्ज में ही डूबे रहेंगे। चलिए इसके रहस्य के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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विष्णु पुराण की कथा 

विष्णु पुराण के अनुसार, एक दिन भगवान विष्णु अपनी शय्या पर योगनिद्रा में सोये हुए थे और माता लक्ष्मी प्रभु के चरण दबा रही थी। तभी महर्षि भृगु आये और उन्होंने विष्णु जी को पुकारा। परन्तु  निद्रा में होने के कारण भगवान विष्णु ने कोई उत्तर नहीं दिया। यह देख महर्षि भृगु को क्रोध आ गया और उन्होंने विष्णु जी की छाती पर लात मार दी। महर्षि के लात लगते ही विष्णु जी निंद्रा से जाग उठे और महर्षि के चरण पकड़ते हुए बोले, आपको कोई चोट तो नहीं आई। विष्णु जी की बातें सुनकर महर्षि को पछतावा होने लगा, लेकिन माता लक्ष्मी को विष्णु जी का यह व्यवहार पसंद नहीं आया। वह भगवान विष्णु से क्रोधित हो उठीं और महर्षि भृगु के चले जाने के बाद विष्णु जी से बोली स्वामी आपने भृगु को कोई दंड क्यों नहीं दिया? लक्ष्मी जी की बातें सुनकर भगवान विष्णु मुस्कुराने लगे।  यह देख लक्ष्मी जी रुष्ट हो गई और वैकुंठ धाम छोड़कर धरती लोक पर आ गई।

लक्ष्मी जी का बैकुंठधाम छोड़ना 

काफी देर बाद तक जब लक्ष्मी जी वैकुंठ धाम वापस नहीं आई तो भगवान विष्णु को उनकी चिंता सताने लगी। फिर उन्होंने लक्ष्मी जी को ढूंढना शुरू कर दिया।  काफी ढूंढने बाद विष्णु जी को पता चला कि देवी लक्ष्मी ने पृथ्वीलोक पर एक ब्राह्मण के घर पद्मावती  नाम की कन्या के रूप में जन्म लिया है। फिर क्या था विष्णु जी ने भी अपना रूप बदला और पृथ्वीलोक पर मनुष्य रूप में उस ब्राह्मण के घर पहुंच गए जहां पद्मावती रुपी माता लक्ष्मी रह रही थी। वहां पहुंचकर विष्णु जी ने पद्मावती  से विवाह करने की इच्छा बताई। पद्मावती  ने भी विवाह का प्रस्ताव मान लिया। परन्तु अब दोनों को यह चिंता सताने लगी की विवाह के लिए धन कहां से आएगा।

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कुबेर से लिया कर्ज 

फिर कुछ देर सोचने के बाद मनुष्य रुपी भगवान विष्णु ने पद्मावती  से कहा, तुम चिंता मत करो मैं कोई न कोई प्रबंध अवश्य कर लूंगा।  उसके बाद विष्णु जी धन के देवता कुबेर जी के पास पहुंचे और वहां भगवान शिव और ब्रह्मा जी को साक्षी रखकर उनसे विवाह के लिए कर्ज लिया। कर्ज लेते समय विष्णु जी ने यह वचन दिया की कलयुग के अंत तक मैं आपका कर्ज लौटा दूंगा और तब तक कर्ज का ब्याज भरता  रहूंगा। कुबेर से धन लेकर भगवान विष्णु पद्मावती के पास आये और फिर दोनों ने विवाह कर लिया। इसलिए माना जाता है सबसे अमीर होते हुए, आज भी तिरुपति बालाजी कर्ज का ब्याज चुका रहे हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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