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धरती से साफ दिखेगा सबसे दूर ग्रह नेपच्यून, इस तरह देख पाएंगे अद्भुत नजारा

Neptune Most Distant Planet in Solar System: सूर्य से सबसे दूर स्थित ग्रह नेपच्यून विपरीत दिशा में पहुंचने वाला है। जिससे इसका नजारा धरती से साफ दिखेगा। आइए जानते हैं कि इस अनोखी खगोलीय घटना को आप किस तरह देख पाएंगे।
12:12 AM Sep 21, 2024 IST | Pushpendra Sharma
धरती से साफ दिखेगा सबसे दूर ग्रह नेपच्यून  इस तरह देख पाएंगे अद्भुत नजारा
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Neptune Most Distant Planet in Solar System: अंतरिक्ष में होने वाली खगोलीय घटनाएं लोगों के मन में कौतूहल पैदा करती हैं। कई वर्षों में अलौकिक, अद्भुत नजारे पहली बार दिखते हैं। एक ऐसी ही खगोलीय घटना ने लोगों के मन में रोमांच पैदा कर दिया है। दरअसल, सूर्य से सबसे दूर स्थित ग्रह नेपच्यून विपरीत दिशा में पहुंचने वाला है। जिससे यह धरती से साफ तौर पर दिखाई देने लगेगा।

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दूरबीन या टेलीस्कोप के जरिए देख सकेंगे नजारा

हरे-नीले रंग वाला यह ग्रह 21 सितंबर 2024 शनिवार को विपरीत दिशा में पहुंचेगा। इस दौरान यह सबसे साफ रूप में दिखाई देगा। इसे आज रात पूरे भारत में उगते हुए देखा जा सकता है। इसे देखने के लिए दूरबीन या टेलिस्कोप की जरूरत होगी। रात के आकाश में यह चमकीला दिखेगा। यह खगोलीय घटना पृथ्वी के नेपच्यून और सूर्य के बीच से सीधे गुजरने पर होती है। जिससे बर्फीले विशालकाय ग्रह की एक झलक देख पाएंगे। नेपच्यून अभी विपरीत स्थिति से गुजर रहा है।

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दुर्लभ होगा नजारा 

दरअसल, पृथ्वी इस ग्रह और सूर्य के बीच स्थित है। जिससे इस तरह की खगोलीय घटना होने या दिशा बदलने पर यह ग्रह पूरी तरह से प्रकाशित दिखाई देता है। यह ग्रहों को देखने का सबसे अच्छा समय भी है, क्योंकि वे इस दौरान पृथ्वी के सबसे करीब होते हैं। नेपच्यून के लिए यह विपरीत दिशा साल में एक बार होने वाली घटना है। इस तरह यह एक दुर्लभ नजारा होगा।

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पूरा भाग बर्फीला  

जानकारी के अनुसार, नेपच्यून 20-21 सितंबर की रात में अधिकांश समय दिखाई देगा। दूरबीन से देखने पर यह ग्रह आकाश में एक छोटे नीले बिंदु के रूप में दिखाई देगा। बता दें कि नेप्च्यून का नीला-हरा रंग वायुमंडल में मीथेन गैस के कारण बना है। यह ग्रह कुइपर बेल्ट के अंदरूनी किनारे पर स्थित है। नेपच्यून में चट्टानी और बर्फीले पदार्थों का एक दलदली आंतरिक भाग है। गौरतलब है कि नेपच्यून सूर्य से सबसे दूर है। इसे सौर मंडल का तीसरा सबसे बड़ा ग्रह माना जाता है। इसका लगभग पूरा भाग बर्फीला है। यहां का तापमान माइनस 214 डिग्री सेल्सियस माना जाता है।

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