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New Study: वैज्ञानिकों ने नर को बना दिया मादा! ढूंढ निकाले वो कारण जो करते हैं लिंग का निर्धारण

Science News: यह स्टडी अभी तक केवल चूहों पर की गई है। इनके वर्टीब्रेट्स में छह अहम माइक्रोआरएनए मिले हैं। इस बात की संभावना है कि इंसानों समेत अन्य स्तनधारियों में भी माइक्रोआरएनए का यह क्लस्टर एक तरह से ही काम करता है।
03:33 PM May 23, 2024 IST | Gaurav Pandey
new study  वैज्ञानिकों ने नर को बना दिया मादा  ढूंढ निकाले वो कारण जो करते हैं लिंग का निर्धारण
Representative Image (Pixabay)

स्तनधारियों के क्रोमोसोम का इस बात पर बड़ा असर होता है कि वह आगे चल कर नर होंगे या मादा। लेकिन अब एक नई स्टडी में सामने आया है कि लिंग का निर्धारण करने वाले इन क्रोमोसोम्स को कुछ बहुत छोटे मॉलीक्यूल्स से बदला जा सकता है जिन्हें माइक्रोआरएनए (MicroRNA) कहते हैं। नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित यह स्टडी बताती है कि कैसे स्पेसिफिक माइक्रोआरएनए के जीन्स को डिलीट करके एक नर चूहे को मादा में बदल दिया गया।

लाइव साइंस की एक रिपोर्ट के अनुसार यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रनाडा में जेनेटिक्स के प्रोफेसर और इस स्टडी के सह लेखक राफेल जिमेनेज ने कहा कि हमें इस बात की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि रिजल्ट इतने शानदार होंगे। बता दें कि स्तनधारियों में लिंग का निर्धारण जीन्स के ऑपोजिट सेट्स के बीच संतुलन पर निर्भर करता है। एक सेट महिलाओं के लक्षण विकसित करता है और दूसरा पुरुषों के। वैज्ञानिकों की इस सफलता को काफी अहम माना जा रहा है।

इस तरह मादा बन गया नर चूहा

इस स्टडी में वैज्ञानिकों ने यही जानने की कोशिश की थी। शरीर में होने वाली बायोलॉजिकल प्रक्रियाओं को आरएनए प्रभावित करते हैं। ये आरएनए कई तरह के जीन्स से जुड़े होते हैं और इनका चौथाई हिस्सा माइक्रोआरएनए होता है। रिसर्चर्स ने स्टडी के दौरान छह माइक्रोआरएनए ढूंढ निकाले जो लिंग तय करने में अहम रोल अदा करते हैं। इसके बाद वैज्ञानिकों ने विकसित होते चूहे के भ्रूण से ये 6 माइक्रोआरएनए हटा दिए। इसके बाद नर चूहा मादा में बदलने लगा।

भविष्य के लिए काफी महत्वपूर्ण

SRY नाम का जीन केवल Y क्रोमोसोम पर पाया जाता है। यह नर के लक्षण उत्पन्न करता है। अगर किसी में केवल X क्रोमोसोम है तो यह जीन उसमें नहीं होगा और ऐसी स्थिति में मादा के लक्षण उत्पन्न होंगे। जिमिनेज का कहना है कि इस रिजल्ट ने ये संभावना जगाई है कि हम भविष्य में इच्छानुसार बच्चों का लिंग तय कर सकेंगे। इससे कहीं भी लिंगानुपात सुधारा जा सकेगा। वैज्ञानिक अभी तक यह नहीं तय कर पाए थे कि कौन से जीन लिंग निर्धारण में भूमिका निभाते हैं।

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