पानी धरती पर कैसे पहुंचा? वैज्ञानिकों की एक रिसर्च खोलेगी राज, अंतरिक्ष में मिली कमाल की चीज
Space Research Scientist Found Water On Asteroid: अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के हाथ बड़ी सफलता लगी है। पहली बार अंतरिक्ष में एक ऐसी चीज मिली है, जिससे पता चलेगा कि पानी पृथ्वी तक कैसे पहुंचा? रिसर्च में इस्तेमाल किए इंस्ट्रूमेंट सोफिया ने पहले चंद्रमा के दक्षिणी भाग में पानी होने का पता लगाया था, अब इसी सोफिया ने पहली बार क्षुद्रग्रह की सतह पर पानी तलाश लिया है। आइरिस और मैलिसा क्षुद्रग्रहों की सतह पर पानी मिला, जो पानी के ही अणु प्रभाव से बने सिलिकेट ग्लास में फंसा मिला। यह रासायनिक रूप से क्षुद्रग्रह पर अन्य खनिजों से बंधा हुआ था।
New paper! We have detected molecular water on asteroids using SOFIA. ✈️https://t.co/I6fujDCksc pic.twitter.com/LLq7mNZjYG
— Dr. Anicia Arredondo (@AniciaArredondo) February 12, 2024
रिसर्च SOFIA द्वारा एकत्रित डेटा पर आधारित
एस्ट्रोनॉमी डॉट कॉम के अनुसार, क्षुद्रग्रहों पर पानी मिलने से सौर मंडल में पानी के वितरण से जुड़े नए सुराग मिले हैं। इससे यह भी पता लग सकता है कि धरती के अलावा और किस-किस ग्रह पर पानी हो सकता है? यह खोज स्ट्रैटोस्फेरिक ऑब्जर्वेटरी फॉर इन्फ्रारेड एस्ट्रोनॉमी (SOFIA) द्वारा एकत्रित किए गए डेटा पर आधारित है। सोफिया को नासा और जर्मन एयरोस्पेस सेंटर मिलकर इस्तेमाल करते हैं। क्षुद्रग्रहों का अध्ययन और उन पर मिले पानी की खोज का सार द प्लैनेटरी साइंस जर्नल में भी प्रकाशित हुआ है। साउथ वेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर और क्षुद्रग्रह रिसर्चर ने एक पोस्ट भी लिखी।
यह भी पढ़ें: Solar Flare Video: सूरज से फूटी सौर ज्वाला, धरती चपेट में आने से बची, आधी दुनिया में हुआ ब्लैकआउट
4 क्षुद्रग्रहों का अध्ययन किया था वैज्ञानिकों ने
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रिसर्चर अनिसिया अरेडोंडो ने एक रिसर्च करके पता लगाया है कि क्षुद्रग्रह पर पानी है। उन्होंने और उनकी टीम ने 4 क्षुद्रग्रहों की रिसर्च की, जिनमें आइरिस और मैलिसा के साथ पार्थेनोप और मेलपोमीन भी शामिल थे। इनमें से 3 क्षुद्रग्रहों ने 3 माइक्रोमीटर की तरंगों पर अवशोषण दिखाया, लेकिन आइरिस और मैसालिया ने 6 माइक्रोमीटर की तरंगों पर अवशोषण दिखाया, जो पानी की ओर इशारा करते हैं। यह पहली बार है कि जब अंतरिक्ष में क्षुद्रग्रह की सतह पर पानी के अणु पाए गए हैं। हमारा शोध उस रिसर्च पर आधारित है, जिसमें चंद्रमा की सूर्य की रोशनी वाली सतह पर आणविक पानी मिला था।
यह भी पढ़ें: NASA ने दुनिया को दिखाया स्पेस का Snowman, खूबसूरत तस्वीर Internet पर वायरल