चंद्रमा पर बनेगी पत्थरों की दीवार! जानें क्या है वैज्ञानिकों का प्लान और इससे क्या होगा फायदा?
Planning to Build Stone Wall on Moon: अंतरिक्ष की दुनिया में इंसान एक और कारनामा करने की तैयारी में है। चंद्रमा पर पत्थरों की दीवार बनाने की प्लानिंग चल है। स्विस रिसर्चर्स की टीम ने रोबोटिक हाइड्रोलिक माइनिंग मशीन का इस्तेमाल करके सूखे पत्थरों की दीवार चंद्रमा पर बनाने का प्रस्ताव दिया है। दीवार को बनाने का मकसद इसे विस्फोटकों से बचाना और चंद्रमा पर बने लॉन्च पैड की रक्षा करना।
अंतरिक्ष शोधकर्ता चंद्रमा पर लैंडिंग और रॉकेट लॉन्चिंग नहीं होने देना चाहते। इसलिए 3 महीने के अंदर एक ब्लास्ट शील्ड बनाने का प्रस्ताव पेश किया गया है। चंद्रमा की सतह से ही चट्टानों को एकत्रित करके रिंग शेप में दीवार बनाई जाएगी, जो 50 से 100 मीटर चौड़ी होगी। चंद्रमा पर मिलने वाली चट्टानें ही इस्तेमाल करने का प्रस्ताव इसलिए है, क्योंकि धरती से निर्माण सामग्री ले जाना महंगा साबित होगा।
चंद्रमा पर इंसानों के बसने से पैदा होगा खतरा
लेखक जोनास वाल्थर ने स्पेस डॉट कॉम से बात करते हुए बताया कि रोबोट का उपयोग चंद्रमा की सतह से चट्टानें और पत्थर इकट्ठा करने के साथ-साथ दीवार बनाने के लिए भी किया जाएगा। चंद्रमा पर दीवार बनाने के प्रोजेक्ट पर वाल्थर ने ETH ज्यूरिख में मास्टर्स कोर्स की थीसिस के लिए शोध किया था। वाल्थर अब स्विस कंपनी वेंचुरी लैब के साथ वर्किंक हैं, जो चंद्रमा पर लैंड होने वाले रोवर को डिजाइन करती है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, अगर इंसान चंद्रमा पर स्थायी रूप से बस जाए तो चंद्रमा को वहां लैंड करने वाले या उड़ान भरने वाले रॉकेट के धुएं और मलबे से बचाना जरूरी होगा। क्योंकि रॉकेट से निकलने वाली गैस, छोटे कण, धूल चंद्रमा के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। इसका सबूत तब मिला, जब सर्वेयर 3 यान को अपोलो 12 के क्रू मेंबर्स धरती पर लाए तो उसकी धूल से चंद्रमा को नुकसान पहुंचा।
सूखे पत्थरों की दीवार लंबे समय तक टिक सकती
वैज्ञानिकों को यह डर भी सता रहा है कि स्पेसएक्स के विशाल स्टारशिप अंतरिक्ष यान, जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों को नासा के आर्टेमिस 3 मिशन पर भेजा जाएगा, से निकलने वाला धुंआ चंद्रमा के पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएगा। इस नुकसान से चंद्रमा को बचाने के लिए चंद्रमा पर दीवार बनाने की जरूरत है।
वाल्थर सूखे पत्थरों से दीवार बनाने का प्रस्ताव इसलिए दे रहे हैं, क्योकि धरती पर सूखे पत्थरों से बनी कुछ दीवारें हजारों सालों से टिकी हुई हैं। हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसी दीवारें चंद्रमा की सतह पर लंबे समय तक नहीं टिक पाएंगी, क्योंकि दीवार लैंडिंग और लॉन्चिंग के दौरान ध्वस्त हो सकती है, क्योंकि इस बार गैसों और धूल का दबाव आएगा, जो इसे तोड़ सकता है।