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मंगल ग्रह पर सचमुच मिली थी मकड़ी? 20 साल बाद सुलझी मिस्ट्री; नासा ने किया खुलासा

Spider like structure on Mars: अंतरिक्ष की कई चीजें आज भी लोगों के लिए रहस्य बनी हुई हैं। इसी कड़ी में 20 साल पहले मंगल ग्रह से मकड़ियों जैसी आकृति सामने आई थी। क्या वो तस्वीरें सचमुच मकड़ियों की थीं? नासा ने इस सवाल का जवाब ढूंढ निकाला है।
10:56 AM Sep 14, 2024 IST | Sakshi Pandey
मंगल ग्रह पर सचमुच मिली थी मकड़ी  20 साल बाद सुलझी मिस्ट्री  नासा ने किया खुलासा

Spider like structure on Mars: 2003 में मंगल ग्रह से कुछ तस्वीरें सामने आई थीं। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने तस्वीरें जारी करते हुए मंगल ग्रह पर मकड़ी के होने की संभावना जताई थी। मंगल की सतह पर मकड़ी जैसी आकृतियां देखने को मिली थीं। ऐसे में कयास लगाए जाने लगे थे कि क्या मंगल पर जीवन संभव है? क्या वो तस्वीरें वाकई मकड़ियों की थीं? अगर नहीं, तो इतनी सारी मकड़ी जैसी आकृतियां मंगल के सतह पर कैसे बनी? 20 साल बाद इन सवालों का जवाब मिल चुका है।

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साउथ पोल पर बने एरेनिफॉर्म 

मकड़ी जैसी दिखने वाली यह आकृतियां पूरे मंगल ग्रह पर नहीं थीं बल्कि मंगल के दक्षिणी गोलार्ध (South Pole) पर ही देखने को मिली थीं। इन्हें एरेनिफॉर्म नाम दिया गया था। आधी मील तक फैली इन संरचनाओं से सैंकड़ों शाखाएं निकली थीं। हालांकि यह आकृति किसी मकड़ी ने नहीं बल्कि कार्बन डाइऑक्साइड बर्फ के कारण बनी थी। कार्बन डाइऑक्साइड बर्फ अभी तक पृथ्वी पर नहीं पाई गई है। मगर मंगल पर इसकी मौजूदगी के साक्ष्य मिले हैं।

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कैसे बनी मकड़ी जैसी आकृतियां?

रिपोर्ट की मानें तो सर्दियों के दौरान जब सूर्य की रोशनी कार्बन डाइऑक्साइड बर्फ से होकर गुजरती है, तो मंगल ग्रह की सतह को भी गर्म कर देती है। मिट्टी गर्मी को सोख लेती है और बर्फ पिघले बिना ही भाप बनकर कार्बन डाइऑक्साइड गैस में तब्दील हो जाती है। इस प्रोसेस को सब्मिलेशन (Sublimation) कहते हैं। बर्फ के भाप बनते ही मंगल की सतह पर मकड़ी जैसी आकृतियां बन जाती हैं।

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वैज्ञानिकों ने ऐसा लगाया पता

द प्लेनेटरी साइंस जर्नल के अनुसार नासा के वैज्ञानिकों ने पृथ्वी पर मंगल ग्रह जैसी परिस्थितियां बनाई, जिसके बाद मकड़ी जैसी आकृतियों का सच सामने आ गया। इसके लिए वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह जैसी मिट्टी को एक कंटेनर में रखा और मंगल ग्रह जैसा तापमान बनाया गया। हवा के दबाव को भी मंगल ग्रह के अनुरूप रखा गया। ऐसे में कार्बन डाइऑक्साइड बर्फ गैस में बदल गई और मिट्टी पर मकड़ी जैसी आकृतियां बन गईं। इसी के साथ मंगल ग्रह पर मकड़ी मिलने के रहस्य से भी पर्दा उठ गया।

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