मिल गया एक और चांद! 20 साल बाद इस ग्रह पर हुए दीदार, 680 दिन में पूरा करता है एक चक्कर
Uranus Neptune New Moons: अंतरिक्ष यानी स्पेस काफी गहरा है। इसके बारे में जितना अध्ययन किया जाए कम है। यह अपने अंदर ढेर सारे रहस्यों को समेटे हुए है। अगर कोई यह दावा करता है कि वह स्पेस से पूरी तरह परिचित है तो यह गलत होगा। स्पेस के बारे में साइंटिस्ट लगातार रिसर्च कर रहे हैं। इसी कड़ी में उन्हें बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। उन्होंने 20 साल बाद तीन नए चांद की खोज की है।
20 साल बाद यूरेनस के चांद की खोज
इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन के माइनर प्लैनेट सेंटर ने घोषणा कि है उसने तीन नए चांद की खोज की है। इसमें दो नेपच्यून और एक यूरेनस का चांद है। यूरेनस के चांद की खोज 20 साल बाद हुई है। ये चांद अब तक खोज किए गए सभी चांद से कमजोर हैं।
Astronomers have announced the discovery of three new moons around Uranus and Neptune, marking the first new moon of Uranus in over two decades and the faintest moon ever detected around Neptune using ground-based telescopes. 1/
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— Erika (@ExploreCosmos_) February 23, 2024
यूरेनस का 680 दिन में एक चक्कर लगाता है चांद
गौरतलब है कि यूरेनस के कुल 28 चांद है। अभी खोजा गया चांद इसका सबसे छोटा चांद है। इसकी परिधि 8 किमी है। इसे यूरेनस का चक्कर लगाने में 680 दिन लगते हैं। चांद को S/2023 U1 नाम दिया गया है। यूरेनस के सभी बाहरी उपग्रहों की तरह इसका नाम भी शेक्सपियर के नाटक के एक पात्र पर रखा जाएगा। नए चांद को कार्नेगी साइंस के स्कॉट एस. शेपर्ड ने पिछले साल नवंबर में लास कैम्पानास ऑब्जरवेटरी में मैगलन दूरबीनों (Magellan telescopes) का इस्तेमाल कर देखा था। इसके बाद उन्होंने दिसंबर में इसका दोबारा ऑब्जर्वेशन किया।
शेफर्ड ने नासा के साथ मिलकर किया काम
शेपर्ड ने नासा की जेट प्रोपल्यशन लैब के मरीना ब्रोजोविक और बॉब जैकबसन के साथ मिलकर काम किया। उन्होंने नए चंद्रमा की कक्षा का पता लगाने के लिए कई महीनों तक काम किया। उन्हें 2021 में ली गई पुरानी तस्वीरें और हवाई में सुबारू दूरबानी से ली गई तस्वीरों से भी यूरेनस के नए चंद्रमा का पता लगाने में आसानी हुई।
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सितंबर 2021 में नेप्च्यून के चांद की हुई खोज
शेपर्ड ने मैगलन टेलीस्कोप के साथ नेप्च्यून के दो चांद का पता लगाने के लिए काम किया। इसके बाद उन्होंने हवाई यूनिवर्सिटी के डेविड थोलेन, उत्तरी एरिजोना यूनिवर्सिटी के चाड ट्रूजिलो और किंडाई यूनिवर्सिटी के पैट्रिक सोफिया लाइकाव के साथ भी इस दिशा में मिलकर काम किया। चांद को सितंबर 2021 में सुबारू टेलीस्कोप का इस्तेमाल कर खोजा गया था।
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