टेस्ट क्रिकेट में नाइटवॉचमैन के रूप में शतक लगाने वाले 5 खिलाड़ी, भारत का एक क्रिकेटर भी शामिल
Night watchman: क्रिकेट इतिहास में कुछ खिलाड़ी ऐसे रहे हैं जिन्होंने नाइटवॉचमैन के रूप में बल्लेबाजी करते हुए टेस्ट क्रिकेट में शतक बनाया है। नाइटवॉचमैन का मुख्य काम टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों के विकेट बचाने का होता है, लेकिन कुछ खिलाड़ी इस जिम्मेदारी को निभाते हुए शानदार प्रदर्शन भी करते हैं। इस लिस्ट में एक भारतीय खिलाड़ी भी शामिल है, जिसने नाइटवॉचमैन होते हुए शतक जड़ा। ये खिलाड़ी न केवल अपनी टीम को मुश्किल समय में संभालते हैं, बल्कि नाइटवॉचमैन के रूप में बल्लेबाजी करने की चुनौती को भी स्वीकार करते हैं। आइए जानते हैं इन खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने नाइटवॉचमैन के रूप में शतक बनाया।
नाइटवॉचमैन क्या होता है?
जब किसी क्रिकेट मैच में दिन का खेल खत्म होने वाला होता है और टीम को लगता है कि अगले दिन की शुरुआत में उनके टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों को बचाने की जरूरत है, तो वे एक लोअर ऑर्डर के बल्लेबाज को भेजते हैं जिसे नाइटवॉचमैन कहा जाता है। नाइटवॉचमैन आमतौर पर टीम का नियमित बल्लेबाज नहीं होता है।
जेसन गिलेस्पी (ऑस्ट्रेलिया 2006)
जेसन गिलेस्पी ने नाइटवॉचमैन के रूप में बांग्लादेश के खिलाफ 201* रनों की पारी खेली थी। बता दें यह उनकी यादगार पारी रही और नाइटवॉचमैन के रूप में यह क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर भी है।
मार्क बाउचर (साउथ अफ्रीका 1999)
मार्क बाउचर ने जिम्बाब्वे के खिलाफ नाइटवॉचमैन के रूप में 125 रन बनाए, जो एक शानदार पारी थी। नाइटवॉचमैन होने के बावजूद, उन्होंने धैर्य से खेलते हुए अपनी टीम के लिए एक मजबूत स्कोर खड़ा किया।
मार्क बाउचर (साउथ अफ्रीका 1999)
साल 1999 में हीं इंग्लैंड के खिलाफ बाउचर ने फिर एक बार अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाया और शानदार 108 रन बनाए। यह उनके लिए काफी खास पारी थी क्योंकि वे नाइटवॉचमैन के रूप में बल्लेबाजी करने उतरे थे।
टोनी मैन (ऑस्ट्रेलिया 1977)
टोनी मैन ने 1977 में भारत के खिलाफ नाइटवॉचमैन के रूप में 105 रन बनाए। यह पारी उनकी टीम के लिए बेहद खास थी क्योंकि वे नाइटवॉचमैन होते हुए, उन्होंने मुश्किल समय में ठहरकर खेला और शतक बनाया।
सैयद किरमानी (भारत 1979)
सैयद किरमानी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाइटवॉचमैन के रूप में 101* रनों की नाबाद पारी खेली। इस शतक ने भारतीय क्रिकेट में नाइटवॉचमैन के तौर पर एक खास पहचान बनाई। मुश्किल हालात में उन्होंने धैर्य से बल्लेबाजी की और अपनी टीम को एक मजबूत स्थिति में पहुंचाया। यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक यादगार पारी थी।
नसीम-उल-गनी (पाकिस्तान 1962)
नसीम-उल-गनी ने 1962 में इंग्लैंड के खिलाफ नाइटवॉचमैन के रूप में 101 रन बनाए। यह पारी पाकिस्तान के लिए नाइटवॉचमैन के रूप में एक शानदार प्रदर्शन था। उन्होंने मुश्किल समय में क्रीज पर टिककर खेला और शतक लगाया। नसीम-उल-गनी का यह प्रदर्शन पाकिस्तान क्रिकेट के इतिहास में बेहद खास माना जाता है।