पाकिस्तान के खिलाफ डबल सेंचुरी, खून बहाकर भी 'लड़े', ऐसे योद्धा थे अंशुमान गायकवाड़
Anshuman Gaekwad Death: भारत की मिट्टी ने योद्धाओं को जन्म दिया है। उनके अंदर अपने देश के लिए मर-मिटने का जुनून साफ नजर आता है। वे इसके लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। ऐसे ही योद्धा थे- टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और कोच अंशुमान गायकवाड़। गायकवाड़ ने बुधवार को लंबी बीमारी के बाद दुनिया को अलविदा कह दिया। गायकवाड़ के जाने के बाद खेल जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। क्रिकेटप्रेमी उनकी जिद, जुनून और कभी हार न मानने का स्वभाव को याद कर रहे हैं। क्रिकेट की दुनिया में अंशुमान गायकवाड़ के कई किस्से मशहूर रहे हैं। उनमें से एक है वेस्ट इंडीज के मैदान में मचे रक्तपात के बीच उनकी जुझारू पारी और दूसरा पाकिस्तान के खिलाफ जालंधर में ठोकी गई डबल सेंचुरी। आइए उनकी इन हिम्मत देने वाले खास किस्सों पर एक नजर डालते हैं...
माइकल होल्डिंग ने किया घायल, बहने लगा खून, फिर भी खिलाफ लड़ते रहे
पहले बात 1975-76 के उस दौरे की, जब भारतीय टीम वेस्ट इंडीज गई और वहां खूब बवाल मचा। उस वक्त क्रिकेट की दुनिया में विंडीज के गेंदबाज माइकल होल्डिंग के नाम का खौफ था। लंबी कद-काठी के इस बॉलर की बाउंसर को देख अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों के पसीने छूट जाते थे, लेकिन टीम इंडिया के ओपनर अंशुमान गायकवाड़ ने उनके सामने ऐसी बल्लेबाजी की कि दुनिया दांतों तले अंगुली दबा बैठी। चौथे और आखिरी टेस्ट मैच में होल्डिंग ने अपनी बाउंसर से भारतीय खिलाड़ियों को घायल कर दिया था, लेकिन मैदान पर मौजूद अंशुमान गायकवाड़ अकेले ही लड़ते रहे। किंग्स्टन के मैदान पर ये लड़ाई लड़ते-लड़ते अंशुमान गायकवाड़ की उंगली ही टूट गई। उनके कान से खून बहने लगा, लेकिन वे पीछे नहीं हटे। क्रिकेट के इतिहास में इस किस्से को इसलिए भी याद किया जाता है क्योंकि भारतीय खिलाड़ियों के साथ हो रहे व्यवहार के विरोध में कप्तान बिशन सिंह बेदी ने बल्लेबाजी करने से ही मना कर दिया था। जिस पर काफी बवाल मचा। आखिरकार अंशुमान गायकवाड़ 81 रन बनाकर रिटायर्ड हर्ट होकर ड्रेसिंग रूम लौट गए। लेकिन क्रिकेट की दुनिया में गायकवाड़ की हिम्मत के लिए उनके इस किस्से को आज भी याद किया जाता है। बाद में गायकवाड़ के कान की सर्जरी भी हुई थी।
🏏 Former Indian cricketer Anshuman Gaekwad, known for his resilience and top score of 201 against Pakistan, has passed away at 71 after a long battle with blood cancer. #AnshumanGaekwad #RIP pic.twitter.com/debyDHJxhI
— The Quotes (@TheQuotesLive) July 31, 2024
• 40 Tests
• 15 ODIs
• 2,254 international runsIn 1983, against Pakistan in Jalandhar, he made a career-best 201, which was at the time the slowest Test double-century in terms of time spent.
Happy birthday, Anshuman Gaekwad! pic.twitter.com/B4qdUGcX1b
— ICC (@ICC) September 23, 2019
KINGSTON: 41 YEARS APART
Same venue. Same end.
Manny Martindale (l) & Mike Holding inflict terrible punishment on openers Bob Wyatt (England 1935) & Anshuman Gaekwad (India 1976) respectively. Both are hit over the ear. Both retire hurt. Both are lucky to survive pic.twitter.com/5D7QyVdr8J— . (@SaikiaArup) October 4, 2020
WI v IND, Jamaica, 1976. A gritty IND opener was batting on 81 when Holding bowled a bumper from round the wicket that hit his ear. He was in the ICU for 48 hours but recovered and went on to become Gavaskar's trusted opening partner. #OnThisDay, in '58, Anshuman Gaekwad was born pic.twitter.com/e0HMM7xSgy
— Cricbuzz (@cricbuzz) September 23, 2019
पाकिस्तान के खिलाफ दोहरा शतक
इसी तरह अंशुमान गायकवाड़ को पाकिस्तान के खिलाफ डबल सेंचुरी के लिए भी याद किया जाता है। वह भारतीय क्रिकेट में एक अनमोल संपत्ति रहे। उन्होंने 1982-83 में जालंधर में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट में 201 रन की शानदार पारी खेली। उन्होंने इस मैच में 671 मिनट बल्लेबाजी की। जिसने उस समय प्रथम श्रेणी क्रिकेट का सबसे धीमा दोहरा शतक का रिकॉर्ड भी हासिल किया। उन्होंने अपने अंतिम फर्स्ट क्लास मैच में शतक बनाकर विदाई ली। बाद में वह टीम इंडिया के सिलेक्टर और नेशनल कोच बने। गायकवाड़ 1997 से 2000 के बीच दो बार कोच बने। उन्होंने 1975 से 1987 के बीच 12 साल तक इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी धाक रखी। उन्होंने 1975 से 1987 तक 40 टेस्ट और 15 वनडे मैच खेले। टेस्ट में उन्होंने 1985 रन बनाए तो वहीं 15 वनडे में 269 रन जड़े। टेस्ट में उनके नाम 2 शतक और 10 अर्धशतक दर्ज हैं। फर्स्ट क्लास के 206 मैचों में उन्होंने 12136 रन और 143 विकेट चटकाए। खास बात यह है कि गायकवाड़ ने अपना टेस्ट डेब्यू वेस्ट इंडीज के खिलाफ किया था। उन्होंने 17 दिसंबर 1975 को ईडन गार्डंस में टेस्ट डेब्यू किया था। जबकि वनडे डेब्यू उन्होंने लॉर्ड्स में 7 जून 1975 को इंग्लैंड के खिलाफ किया था।
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