टेस्ट क्रिकेट में 'ट्विस्ट' लाने की तैयारी कर रहा ICC, 2027 से लागू होगा नया सिस्टम
Test Cricket: इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) टेस्ट क्रिकेट को और भी इंटरेस्टिंग बनाने की तैयारी कर रहा है, जहां वो इसे दो डिवीजन में बांटने की तैयारी में है। ऐसा करने से भारत, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड जैसी बड़ी टीमें आपस में ज्यादा सीरीज खेल सकेंगी। आईसीसी का यह सिस्टम 2027 फ्यूचर टूर प्रोग्राम (एफटीपी) के बाद लागू होगा। इसको लेकर आईसीसी अध्यक्ष जय शाह, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) के अध्यक्ष माइक बेयर्ड और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) के अध्यक्ष रिचर्ड थॉम्पसन के साथ बात कर रहे हैं।
🚨 INDIA, AUSTRALIA AND ENGLAND TO PLAY EACH OTHER OFTEN. 🚨
- Jay Shah, Cricket Australia and ECB are in talks to split Test cricket into two divisions so the big 3 nations can play each other more often. (The Age). pic.twitter.com/6GrBOVJ1Vw
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) January 6, 2025
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद लिया गया फैसला
रिपोर्ट में बताया गया है कि हाल ही में खत्म हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में रिकॉर्ड दर्शकों की मौजूदगी के बाद यह कदम उठाया गया है, जिसमें भारत और ऑस्ट्रेलिया ने 5 टेस्ट मैच खेले थे। इस सीरीज को कंगारू टीम दस साल बाद जीतने में सफल रही थी। इस सीरीज में दर्शकों की संख्या को लेकर कई रिकॉर्ड बने। ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट इतिहास में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सबसे ज्यादा दर्शकों वाली गैर-एशेज सीरीज थी, जिसमें स्टेडियम में 837,879 लोग मैच देखने आए थे।
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क्या है आईसीसी का नया सिस्टम
रिपोर्ट के मुताबिक 2027 के बाद टेस्ट मैच को 2 भागों में बांटा जा सकता है। इस सिस्टम के लागू होने के बाद भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड की टीमें एक-दूसरे से ज्यादा मैच खेल पाएंगी। इन सभी टीमों को 1 डिवीजन में रखा जाएगा। इसके अलावा बांग्लादेश, अफगानिस्तान, आयरलैंड और जिम्बाब्वे जैसी अन्य टीमें को 2 डिवीजन में रखा जाएगा, जो टेस्ट क्रिकेट में अपेक्षाकृत कमजोर मानी जाती हैं।
एक-दूसरे के खिलाफ खेलेंगी टॉप टीमें
इसमें बांग्लादेश और वेस्टइंडीज जैसी टीमें शामिल हो सकती हैं, जिन्हें हाल के दिनों में टेस्ट क्रिकेट में कुछ खास सफलता नहीं मिली है। इस फॉर्मेट में टॉप टीमें एक दूसरे के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करेंगी, जबकि निचले स्तर की टीमें केवल अपने डिवीजन तक ही सीमित रहेंगी। इस बात की कोई पुष्टि नहीं है कि इस सिस्टम में प्रमोशन और टीमों के बाहर होने का प्रावधान होगा या नहीं।
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