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विश्वनाथन आनंद का रिकॉर्ड तोड़ने वाले डी गुकेश कौन हैं? शतरंज ओलंपियाड में लहराया परचम

Chess Olympiad: ग्रैंडमास्टर और वर्ल्ड चैंपियनशिप चैलेंजर डी गुकेश ने 45वें शतरंज ओलंपियाड में भारत के लिए गोल्ड मेडल की उम्मीद जगा दी है। डी गुकेश ने अमेरिका के फैबियानो कारुआना को हराकर ये उपलब्धि हासिल की है। डी गुकेश की इस जीत से भारत गोल्ड मेडल जीतने के करीब पहुंच गया है। 
02:32 PM Sep 22, 2024 IST | Mashahid abbas
विश्वनाथन आनंद का रिकॉर्ड तोड़ने वाले डी गुकेश कौन हैं  शतरंज ओलंपियाड में लहराया परचम
Gukesh D

Chess Olympiad: ग्रैंडमास्टर और वर्ल्ड चैंपियनशिप चैलेंजर डी गुकेश ने 45वें शतरंज ओलंपियाड में शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल की उम्मीद जगा दी है। डी गुकेश ने मुश्किल मैच में पहली रैंक के खिलाड़ी अमेरिका के फैबियानो कारुआना को हराकर अगले दौर में प्रवेश कर लिया है। इससे पहले उन्होंने चीन और ईरान के खिलाफ भी शानदार प्रदर्शन कर जीत हासिल की थी। गुकेश डी के इस प्रदर्शन से भारत गोल्ड मेडल जीतने के करीब पहुंच गया है।

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भारत को मिल सकता है गोल्ड 

भारत शतरंज ओलंपियाड के ओपन वर्ग में 17 अंकों के साथ अंक तालिका में शीर्ष पर मौजूद है। जबकि चीन, अमेरिका और उज्बेकिस्तान के 15-15 अंक हैं।  भारत के इस प्रदर्शन में डी गुकेश की अहम भूमिका है।

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कौन हैं डी गुकेश 

गुकेश का जन्म चेन्नई में तेलगू परिवार में हुआ था। उनके पिता पेशे से डॉक्टर हैं। गुकेश ने अपने स्कूली दिनों से ही शतरंज खेलना शुरू किया था। गुकेश के पहले कोच स्कूल में भास्कर थे, जिन्होंने उनके टैलेंट को पहचान कर उन्हें ट्रेनिंग दी। ट्रेनिंग के महज 6 महीने में ही गुकेश फीडे-रेटेड खिलाड़ी बन गए थे। इसके बाद गुकेश विश्वनाथ आनंद की अकादमी वेस्ट ब्रिज आनंद चेस एकेडमी में शामिल हो गए। फिर गुकेश ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 2015 में वह एशियन स्कूल शतरंज चैंपियनशिप में अंडर-9 वर्ग के चैंपियन बने। इसके बाद, उन्होंने कैंडिडेट मास्टर (सीएम) का खिताब अपने नाम किया और साल 2018 में एशियाई युवा शतरंज चैंपियनशिप में 5 पदक जीतने का कारनामा रचा था। इसी साल गुकेश ने विश्व युवा चैंपियनशिप में अंडर-12 वर्ग का खिताब जीता। ये रिकॉर्ड उन्होंने महज 11 साल, 9 महीने और 9 दिन की उम्र में हासिल किया, जिसके बाद वो इंटरनेशनल मास्टर बन गए थे।

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2019 में मिली बड़ी कामयाबी 

जनवरी 2019 में गुकेश ने इतिहास रचते हुए इंटरनेशनल ग्रैंडमास्टर की उपाधि हासिल की। वह शतरंज के इतिहास में सबसे कम उम्र में ग्रैंडमास्टर बनने वाले खिलाड़ी बन गए थे। उन्होंने ये कारनामा महज  12 साल, 7 महीने और 17 दिन की उम्र में रचा। इसके बाद साल 2023 में गुकेश ने आईएम एमिन ओहानियन, जीएम प्रणव वी और जीएम रौनक साधवानी को हराकर जूनियर स्पीड शतरंज चैंपियनशिप का खिताब जीता।

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