'रोहित शर्मा इज Finished',सोशल मीडिया पर आगबबूला हुए फैन्स, भारतीय कप्तान को रिटायर होने की दी नसीहत
Rohit Sharma IND vs AUS: नंबर छह की पोजीशन को छोड़कर ओपनिंग करने उतरे रोहित शर्मा मेलबर्न में भी बल्ले से रंग नहीं जमा सके। महज 5 गेंदों में ही भारतीय कप्तान की पारी का अंत हो गया। सिर झुकाकर हिटमैन को भारी कदमों के साथ एक बार फिर पवेलियन लौटना पड़ा। हालांकि, रोहित के फ्लॉप शो की कहानी अब आम से हो गई है।
घरेलू सरजमीं पर न्यूजीलैंड के खिलाफ रोहित औंधे मुंह गिरे थे। मगर उम्मीद थी कि ऑस्ट्रेलिया की उछाल लेती पिचों पर रोहित कुछ कमाल करके दिखाएंगे, लेकिन कंगारू सरजमीं पर तो रोहित की कहानी और भी ज्यादा बिगड़ सी गई है। भारतीय कप्तान एक-एक रन के लिए तरस रहे हैं। बॉक्सिंग-डे टेस्ट में रोहित सिर्फ 3 रन बनाकर चलते बने, जिसके बाद फैन्स सोशल मीडिया पर उनसे रिटायरमेंट लेने की अपील कर रहे हैं।
खत्म नहीं हो रहा फ्लॉप शो
रोहित शर्मा ने खुद को ओपनिंग में प्रमोट करने के लिए केएल राहुल के बैटिंग ऑर्डर से छेड़छाड़ की। चौथे टेस्ट की पहली पारी में वह यशस्वी जायसवाल के साथ नई गेंद का सामना करने उतरे। हालांकि, चार गेंद खेलने के बाद पांचवीं बॉल पर रोहित को पैट कमिंस ने पवेलियन की राह दिखा दी। रोहित के खाते में आए सिर्फ 3 रन।
ऑस्ट्रेलिया की धरती पर बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में रोहित के बल्ले से चार पारियों को मिलाकर कुल 22 रन निकले हैं। इससे ज्यादा तो जसप्रीत बुमराह इस सीरीज में विकेट निकाल चुके हैं। रोहित के एक बार फिर फ्लॉप होने के बाद सोशल मीडिया पर फैन्स उनसे टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की मांग कर रहे हैं। फैन्स का कहना है कि रोहित को रिटायरमेंट लेकर टीम की कमान जसप्रीत बुमराह के हाथों में सौंप देनी चाहिए।
सवालों के घेर में कप्तानी
बल्ले से तो रन निकल नहीं रहे, इसके साथ ही रोहित की कप्तानी भी सवालों के घेरे में है। न्यूजीलैंड के खिलाफ पहली बार घर में 3-0 की हार के बाद रोहित की कैप्टेंसी कंगारू सरजमीं पर भी बेहद साधारण रही है। चौथे टेस्ट में दो स्पिनर्स के साथ उतरने का उनका फैसला हर किसी की समझ से परे नजर आया। वहीं, वॉशिंगटन सुंदर को टीम में लाने के लिए शुभमन गिल को ड्रॉप करने के फैसले पर भी कई पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों ने सवाल खड़े किए। कुल मिलाकर कहानी यह है कि रोहित को देखकर ऐसा लग रहा है कि वह जरूरत से ज्यादा दबाव में हैं। खराब फॉर्म और कप्तानी में मिल रही लगातार नाकामी उनके लिए बड़ा सिरदर्द बन चुकी है।