D Gukesh की चेस में ऐतिहासिक जीत पर दो राज्यों में बढ़ा कंफ्यूजन, जानें क्या है मामला
D Gukesh: 18 साल की उम्र में, गुकेश डोम्माराजू ने सबसे युवा वर्ल्ड चेस चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया। उनकी इस शानदार जीत ने न केवल भारत में गर्व की लहर दौड़ाई, बल्कि दक्षिण भारत के दो राज्यों तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के बीच एक नई बहस छेड़ दी। दोनों राज्य अब इस युवा चैंपियन को अपना मानने की कोशिश कर रहे हैं। गुकेश का यह ऐतिहासिक प्रदर्शन भारत की शतरंज परंपरा को मजबूत करता है, लेकिन उनकी पृष्ठभूमि को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है।
Congratulations to @DGukesh on becoming the youngest-ever World Chess Champion at 18!
Your remarkable achievement continues India's rich chess legacy and helps Chennai reaffirm its place as the global Chess Capital by producing yet another world-class champion.
Tamil Nadu is… pic.twitter.com/pQvyyRcmA1
— M.K.Stalin (@mkstalin) December 12, 2024
तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने ऐसा क्या कह दिया
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने सबसे पहले ट्वीट कर गुकेश को बधाई दी। उन्होंने चेन्नई को “ग्लोबल चेस कैपिटल” बताते हुए कहा कि यह शहर लगातार विश्व स्तरीय खिलाड़ी तैयार करता आ रहा है। उन्होंने लिखा, “गुकेश, आपकी उपलब्धि से तमिलनाडु को गर्व है। आपने भारत की शतरंज परंपरा को ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।” स्टालिन ने एक तस्वीर भी साझा की, जिसमें गुकेश को सोने का पदक पहनाया गया है और यह दिखाया गया कि राज्य ने हमेशा युवा शतरंज खिलाड़ियों को बढ़ावा दिया है। दूसरी ओर, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने गुकेश की जीत को "हमारे तेलुगु बेटे की उपलब्धि" बताया। नायडू ने ट्वीट कर कहा, “तेलुगु धरती के इस बेटे पर हमें गर्व है, जिसने 18 साल की छोटी उम्र में इतिहास रच दिया। पूरी देश को इस जीत का जश्न मनाना चाहिए।”
Hearty congratulations to our very own Telugu boy, Indian Grandmaster @DGukesh, on scripting history in Singapore by becoming the world's youngest chess champion at just 18! The entire nation celebrates your incredible achievement. Wishing you many more triumphs and accolades in… pic.twitter.com/TTAzV9CRbX
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) December 12, 2024
गुकेश का जन्म कहां हुआ है
बहस की जड़ गुकेश की पारिवारिक पृष्ठभूमि से जुड़ी है। भले ही उनका जन्म और पालन-पोषण चेन्नई में हुआ हो, लेकिन उनके माता-पिता का संबंध आंध्र प्रदेश से है और वे तेलुगु मूल के हैं। यह विवाद सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया, जहां लोग अपनी-अपनी राय रख रहे हैं। कुछ लोगों ने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने गुकेश की मदद की थी और अप्रैल में उन्हें ₹75 लाख की प्रोत्साहन राशि दी थी। वहीं, दूसरी तरफ, आंध्र प्रदेश के समर्थकों ने गुकेश की तेलुगु पहचान और जड़ों पर जोर दिया। यह बहस अब संस्कृति, भाषा और इतिहास के मुद्दे पर केंद्रित हो गई है, जहां दोनों राज्य अपनी-अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। गुकेश की जीत ने भारत को गर्वित किया है, लेकिन इसने दो राज्यों के बीच एक रोचक प्रतिस्पर्धा भी शुरू कर दी है।