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बड़े मैचों का भारतीय खिलाड़ी, जिसकी फाइनल में बजती थी तूती, आज भी है इस बात का अफसोस

Dhawal Kulkarni Birthday: भारत के लिए 12 वनडे और दो टी-20 मैच खेलने वाले धवल कुलकर्णी आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। एक नजर उनके क्रिकेटिंग करियर पर।
12:48 PM Dec 10, 2024 IST | Mohan Kumar
बड़े मैचों का भारतीय खिलाड़ी  जिसकी फाइनल में बजती थी तूती  आज भी है इस बात का अफसोस
Indian Cricket Team

Happy Birthday Dhawal Kulkarni: भारतीय टीम के मिडियम पेसर धवल कुलकर्णी आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। 10 दिसंबर 1988 को महाराष्ट्र में पैदा हुए धवल ने घरेलू क्रिकेट में मुंबई के लिए 96 फर्स्ट क्लास मैच खेले और कुल 285 विकेट अपने नाम किए। वो सबसे पहले 2005-06 के विजय मर्चेंट ट्रॉफी में मुंबई अंडर-17 के लिए अपने प्रदर्शन के बाद सुर्खियों में आए। तमिलनाडु के खिलाफ 47 रन देकर 8 विकेट लेने सहित अंडर-19 लेवल पर प्रभावशाली प्रदर्शन ने उन्हें 2007 में श्रीलंका के भारत अंडर-19 दौरे पर जगह दिलाई।

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उन्होंने वहां भी अच्छा प्रदर्शन जारी रखा और 2008 में रणजी वनडे के लिए मुंबई की टीम में जगह पाने के साथ ही इंडियन प्रीमियर लीग में मुंबई इंडियंस के साथ कॉन्ट्रैक्ट भी हासिल किया। अपने पहले रणजी सीजन में वे टूर्नामेंट के सबसे सफल गेंदबाज बनकर उभरे, जहां उन्होंने 42 विकेट लिए और मुंबई को चैंपियन बनाया। 2009 में न्यूजीलैंड दौरे के लिए टेस्ट टीम में शामिल होने के साथ ही उनका स्वप्निल सीजन जारी रहा।


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डेब्यू के लिए करना पड़ा लंबा इंतजार

उन्हें इस दौरे पर एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला, जिसके बाद उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने के लिए पांच साल का इंतजार करना पड़ा। उन्होंने 2014 में भारत के इंग्लैंड दौरे के दौरान चौथे वनडे मैच के साथ अपना डेब्यू किया। उन्होंने उसी साल श्रीलंका के खिलाफ घरेलू वनडे सीरीज में 18.62 की औसत से आठ विकेट लिए, लेकिन उसके बाद से उन्हें नेशनल टीम में मौके कम ही मिले। उन्हें केवल 2015 में बांग्लादेश और जिम्बाब्वे के वनडे दौरे पर ही मौका मिला।

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बड़े मैचों में चलता था धवल का जादू

हालांकि घरेलू क्रिकेट में कुलकर्णी ने खुद को देश के बेहतरीन सीम गेंदबाजों में से एक के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने नई गेंद की स्विंग के साथ दो सौ से ज्यादा फर्स्ट क्लास विकेट हासिल किए। उन्होंने हमेशा बड़े मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया है, जहां उन्होंने 2008-09, 2012-13 और 2015-16 के रणजी ट्रॉफी फाइनल में पांच विकेट चटकाए। इसके अलावा उन्होंने 2009-10 के फाइनल में बल्ले से मुंबई को मुश्किल स्थिति से बाहर निकालने में मदद की और 87 रनों की पारी खेली थी।

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