पेरिस ओलंपिक को लेकर टूटा दिल तो मौत को गले लगाने चल दी थी ये भारतीय एथलीट
Harmilan Bains: ओलंपिक में जगह बनाना हर एथलीट के लिए एक सपने के जैसा होता है। कई एथलीट ओलंपिक में जगह ना बनाने के बाद डिप्रेशन में चले जाते हैं और गलत कदम उठा लेते हैं। इसी बीच भारतीय धावक हरमिलन बैंस ने अपने करियर के सबसे बुरे दौर को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि जब वो पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई थीं, तो वो डिप्रेशन में थीं। इस दौरान वो सुसाइड करने के बारे में सोचती रहती थीं। वहीं, अब हरमिलन बैंस ने अपनी हालात को लोगों के सामने रखने का फैसला किया है।
चुनौतियों से भरा रहा है हरमिलन बैंस का करियर
धावक हरमिलन बैंस का अभी तक का करियर चुनौतियों से भरा रहा है। 2021 में उन्होंने सभी व्यक्तिगत दौड़ में जीत हासिल की थी। इसी समय पर उन्हें घुटने की सर्जरी करानी पड़ी थी। इस सर्जरी की वजह से वो ट्रैक से 10 महीने तक दूर थीं। उन्होंने 2022 में फिर से वापसी की और 2022 एशियाई खेलों में महिलाओं की 800 मीटर और 1500 मीटर श्रेणियों में सिल्वर मेडल जीता था। एक समय वो 1500 मीटर की रेस में नेशनल रिकॉर्ड होल्डर थी। हालांकि वो पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई थी।
'मैं सुसाइड करना चाहती थी'
हरमिलन बैंस नई दिल्ली के डॉ. अंबेडकर स्टेडियम में आयोजित 63वें सुब्रतो कप जूनियर बॉयज टूर्नामेंट के फाइनल में गेस्ट के रूप में आईं थीं। इस दौरान उन्होंने अपने करियर के सबसे बुरे दौरे को लेकर बात की और युवा खिलाड़ियों को भी संदेश दिया।
आईएएनएस से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मेरा युवा खिलाड़ियों को संदेश है कि आप अपने खेल का आनंद ले, ज्यादा तनाव लेने की जरूरत नहीं है। मैं भी ओलंपिक में जगह ना बनाने के बाद तनाव में थी। मैं उस समय डिप्रेशन में थी। मैं सुसाइड करना चाहती थी। मेरा मन था कि मैं सब छोड़ कर भाग जाऊं।" वहीं, खिलाड़ियों के माता-पिता को भी उन्होंने संदेश देते हुए कहा, "अपने बच्चे को वह करने दें जो वे करना चाहते हैं।"