ICC चेयरमैन बनने के बाद इन 3 बड़ी चुनौतियों से कैसे पार पाएंगे जय शाह? गंभीर हैं मुद्दे
ICC के नए चेयरमैन जय शाह 1 दिसंबर से अपनी कुर्सी संभालेंगे। बीसीसीआई में उनके पिछले पांच सालों के काम को देखते हुए, उम्मीद जताई जा रही है कि वो नई भूमिका में भी पूरी तरह से सक्रिय रहेंगे। जय शाह के पास एक मजबूती ये है कि उन्हें ज्यादातर क्रिकेट बोर्ड से समर्थन मिला हुआ है। हालांकि जय शाह के कार्यकाल में उन्हें बहुत कुछ बदलाव या अलग करने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि अगले 5 साल के आईसीसी के टूर्नामेंट और मीडिया अधिकार जैसी बड़ी डीलें तय हो चुकी हैं।
वहीं, वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप भी फाइनल की ओर बढ़ रहा है और ओलंपिक में भी क्रिकेट की वापसी पक्की हो गई है। ऐसे में जय शाह के पास जो सबसे बड़ी चुनौती रहेगी वो फंडिंग और टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने की रहेगी। ये देखना दिलचस्प होगा कि जय शाह इन गंभीर मुद्दों को किस तरह से सुलझाने का काम करते हैं।
3 बिलियन डॉलर का मुद्दा
ICC का मीडिया पार्टनर डिज्नी स्टार जल्द ही रिलायंस नियंत्रित वायकॉम-18 के साथ संयुक्त उद्यम बनने जा रहा है। इससे पहले डिज्नी स्टार ने 2024-27 के लिए हुए अपने अनुबंध में से 3 बिलियन डॉलर के भुगतान पर छूट की मांग की है। मीडिया अधिकारों को लेकर अब तक डिज्नी स्टार और आईसीसी के बीच बातचीत जारी है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका है। जय शाह के पास आसानी ये है कि आईसीसी और बीसीसीआई दोनों के ही मीडिया अधिकार एक ही प्रसारक के पास है। जय शाह को इसका लाभ मिल सकता है और ये विवाद समाधान की ओर बढ़ सकता है।
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रणनीतिक परीक्षण निधि
जय शाह ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट के लिए एक रणनीतिक निधि की बात की है, जिसका अनुमान $15 मिलियन (125 करोड़ रूपये) के आसपास है। इस निधि से खिलाड़ियों के लिए न्यूनतम वेतन सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया समेत टेस्ट खेलने वाले देशों के दौरे की लागत को इसमें कवर किया जाएगा। जय शाह की ये शुरुआत अच्छी हो सकती है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में मिलने वाली ये राशि किसी भी क्रिकेटर को दी जाने वाली बड़ी धनराशि की तुलना में बहुत कम होगी, जो इन खिलाड़ियों को टी20 लीग में हिस्सा लेने पर मिल जाता है।
जय शाह ने हाल ही में अपने बयान में कहा था कि 'टी20 क्रिकेट स्वाभाविक रूप से एक रोमांचक प्रारूप है। ये भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि टेस्ट क्रिकेट सभी के लिए प्राथमिकता बनी रहे, क्योंकि ये हमारे खेल का आधार है। ये सुनिश्चित करना चाहिए कि क्रिकेटरों को लंबे प्रारूप की ओर आकर्षित किया जाए और प्रयास भी इसी लक्ष्य की ओर केंद्रित होंगे।'
टी20 लीग की सीमा
जय शाह के पास फंडिंग के अलावा व्यापक स्तर पर टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए टी20 लीग की सीमा तय करनी होगी। ICC को इसके लिए सभी क्रिकेट बोर्ड के साथ अनुबंधित खिलाड़ियों के लिए लीग की संख्या पर बातचीत करनी है। इस बारे में पहले भी आईसीसी में चर्चा तो हुई है लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल सका है। ऐसे में जय शाह के पास इस मुद्दे को भी सुलझाने की चुनौती रहेगी।
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