IND vs AUS: दूसरे दिन एकदम से क्यों बदल गई पर्थ की पिच, जिसका यशस्वी-राहुल ने उठाया जमकर फायदा, बड़ी वजह आई सामने
India vs Australia: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में जारी है। मैच में पहले विकेट के लिए केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल की 201 रनों की साझेदारी के दम पर भारत इस समय मजबूत स्थिति में नजर आ रहा है। इस मैच के पहले दिन विकेटों का पतझड़ देखने को मिला, जहां दोनों टीमों ने कुल 17 विकेट गंवाए। हालांकि मैच के दूसरे दिन पिच में जबरदस्त बदलाव देखने को मिला, जहां कुल तीन विकेट ही गिरे।
पहले दिन पिच का हाल देखने के बाद ऐसा लग रहा था कि यह मैच तीन दिन में ही खत्म हो जाएगा, लेकिन अब यह मैच चौथे दिन भी जाता दिख रहा है। मैच के दूसरे दिन जायसवाल और राहुल की जोड़ी ने दो सेशन तक डटकर बल्लेबाजी की और नाबाद 172 रनों की साझेदारी करके ऑस्ट्रेलिया गेंदबाजों की नाक में दम कर दिया।
क्यों एकदम से बदली पर्थ की पिच?
मैच के दूसरे दिन मिचेल स्टार्क, पैट कमिंस और जोश हेजलवुड की ऑस्ट्रेलिया की मजबूत तिकड़ी पहली पारी में दबदबे के बावजूद प्रभाव छोड़ने में विफल रही। अब बड़ा सवाल पर्थ की पिच में आए बड़े बदलाव को लेकर है। शुक्रवार को बल्लेबाजों के लिए बुरा सपना बनी यह पिच एक दिन बाद ही बल्लेबाजी के लिए स्वर्ग कैसे बन गई। इसके पीछे की वजह दूसरी पारी में गेंदबाजों की सीम में हुआ बदलाव है। क्रिकेट में किसी तेज गेंदबाज के गेंद को पटकने के बाद मिलने वाले घुमाव को सीम गेंदबाजी कहा जाता है। यहां गेंद पिच से टकराने के बाद अपनी दिशा बदल लेती है। वहीं अगर गेंद हवा में रहते हुए ही अपनी दिशा बदलती है, तो उसे स्विंग गेंदबाजी कहा जाता है।
The transformation of the pitch at Optus Stadium, Perth, from Day 1 to Day 3 😲
📸: Fox Cricket pic.twitter.com/z3SZ27K6gz
— CricTracker (@Cricketracker) November 24, 2024
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दूसरे दिन गेंदबाजों को कम मिला मूमवेंट
पर्थ में पहले दिन तेज गेंदबाजों को जहां एवरेज सीम में 0.8 डिग्री का मूवमेंट मिला, वहीं दूसरे दिन यह मूवमेंट घटकर 0.76 डिग्री रह गया। तीसरे दिन तो यह पहले से भी घटकर 0.54 रह गया। हालांकि कुछ गेंदों पर गेंदबाजों को यहां सीम में एक डिग्री से ज्यादा का भी मूमवेंट मिला। पर्थ टेस्ट की पहली पारी में 45 ओवरों में से 85 गेंदें ऐसी थीं, जहां गेंदबाजों को सीम में एक डिग्री से ज्यादा का मूवमेंट मिला। इस दौरान तेज गेंदबाजों को पांच विकेट मिले। दूसरी पारी में यह आंकड़ा 85 से बढ़कर 90 हो गया था, जहां पेसर्स को कुल छह विकेट मिले।
राहुल-यशस्वी ने जोड़े 201 रन
राहुल-यशस्वी की जोड़ी ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की जमकर खबर लेते हुए पहले विकेट के लिए 201 रनों की साझेदारी की। दोनों बल्लेबाजों ने बिना किसी परेशानी के बैटिंग करते हुए कंगारू सरजमीं पर सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी की। दोनों ने इस दौरान 1986 में सिडनी में सुनील गावस्कर और क्रिस श्रीकांत द्वारा बनाए गए 191 रनों के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया।
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