जान देने पर आमादा हो गया था टीम इंडिया का वर्ल्ड कप विजेता खिलाड़ी, किया बड़ा खुलासा
Indian Cricket Team को 2007 का टी20 वर्ल्ड कप जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले दिग्गज खिलाड़ी रॉबिन उथप्पा ने डिप्रेशन के मुद्दे पर बात करते हुए बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने डिप्रेशन के मुद्दे पर बोलते हुए बताया कि एक समय ऐसा भी था जब वो खुद डिप्रेशन का शिकार हो गए थे। उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर काफी लड़ाई लड़ी है, लेकिन डिप्रेशन से लड़ना बिल्कुल भी आसान नहीं था।
सोशल मीडिया पर साझा किया वीडियो
रॉबिन उथप्पा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर की है। इसमें उन्होंने डिप्रेशन जैसे गंभीर मुद्दे पर विस्तार से अपनी बात कही है। वीडियो के कैप्शन में पूर्व खिलाड़ी ने लिखा कि उन्होंने मैदान पर कई लड़ाइयों का सामना किया है, लेकिन उनमें से कोई भी डिप्रेशन से लड़ने जितनी मुश्किल नहीं थी। वो मानसिक स्वास्थ को लेकर चुप्पी तोड़ रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि वो अकेले नहीं हैं। इस डिप्रेशन से बचने के लिए लोग अपनी भलाई को प्राथमिकता दें, मदद लें और अंधेरे में उम्मीद की तलाश करें।
I've faced many battles on the cricket field, but none as tough as the one I fought with depression. I'm breaking the silence around mental health because I know I'm not alone.
Prioritise your well-being, seek help, and find hope in the darkness.
I share my story on this… pic.twitter.com/XSACIZUfm4
— Robbie Uthappa (@robbieuthappa) August 20, 2024
इन खिलाड़ियों का दिया उदाहरण
रॉबिन उथप्पा ने अपनी वीडियो में हाल ही में आत्महत्या करने वाले दिग्गज खिलाड़ियों का भी जिक्र किया। उन्होंने ग्राहम थोरपे, डेविड जानसन और वीबी चंद्रशेखर जैसे दिग्गजों का उदाहरण दिया। कहां ये अच्छा नहीं है, ये कमजोर कर देने वाला है। न जाने क्यों ऐसा लगने लगता है कि वो बेकार हैं। लोग प्यार करते हैं लेकिन डिप्रेशन के चलते वो ये समझने लगते हैं कि वो बोझ हैं।
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मुझे लगता था मैं भी बोझ हूं
रॉबिन उथप्पा ने कहा कि 2011 के करीब वो भी इसी डिप्रेशन का शिकार हो गए थे। उन्हें नहीं पता था कि आगे क्या करना है। इसमें कोई दिक्कत नहीं है ऐसा होता है। लेकिन सुरंग के आखिर में रोशनी की जरूरत नहीं होती है। उन्होंने कई लोगों के बारे में सुना था कि उन्होंने डिप्रेशन की वजह से अपनी जान ले ली। इस दौर से वो भी गुजर चुके हैं। इस तरह का ख्याल उन्हें भी कई बार आया। वो क्लिनिकल डिप्रेशन से जूझ रहे थे और उन्हें भी लगता था कि वो लोगों पर बोझ हैं। वो हफ्तों, महीनों और वर्षों तक अपने बिस्तर से नहीं उठना चाहते थे। वो शर्मिंदा थे कि एक इंसान के रूप में वो कैसे हो गए हैं। इसी वजह से उस पूरे साल उन्होंने कभी आईना नहीं देखा था। लेकिन अब वो ये कहना चाहते हैं कि चाहे जो भी हो, इससे निकलने का रास्ता है। रॉबिन उथप्पा ने और क्या कहा यहां वीडियो में देखिए।
I've faced many battles on the cricket field, but none as tough as the one I fought with depression. I'm breaking the silence around mental health because I know I'm not alone.
Prioritise your well-being, seek help, and find hope in the darkness.
I share my story on this… pic.twitter.com/XSACIZUfm4
— Robbie Uthappa (@robbieuthappa) August 20, 2024
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