खेल जगत में पसरा सन्नाटा, लिवरपूल के महान खिलाड़ी रॉन येट्स का 86 साल की उम्र में निधन
Ron Yeats Passes Away: इंग्लैंड के मशहूर फुटबॉल क्लब लिवरपूल में शनिवार को मातम पसर गया, जब उसने अपने महान कप्तान रॉन येट्स को खो दिया। उनका 86 साल की उम्र में निधन हो गया। येट्स पिछले कुछ सालों से अल्जाइमर की बीमारी से पीड़ित थे। येट्स ने लिवरपूल के लिए कुल 454 मैच खेले। खास बात यह है कि इसमें से 400 से अधिक कप्तान के रूप में थे। उनकी कप्तानी में ही लिवरपूल ने पहली बार एफए कप जीता था। उनके निधन पर क्लब का बयान भी सामने आया है।
लिवरपूल ने शनिवार को एक बयान में कहा, 'लिवरपूल एफसी दिग्गज पूर्व कप्तान रॉन येट्स के निधन पर शोक व्यक्त करता है। इस बेहद दुखद समय में एलएफसी (लिवरपूल फुटबॉल क्लब) में सभी की संवेदनाएं रॉन की पत्नी एन, उनके परिवार और उनके दोस्तों के साथ हैं। सम्मान के प्रतीक के रूप में आज क्लब की सभी जगहों पर झंडे आधे झुके रहेंगे।'
We are mourning the passing of our legendary former captain Ron Yeats.
The thoughts of everyone at Liverpool Football Club are with Ron’s family and friends.
— Liverpool FC (@LFC) September 7, 2024
येट्स ने क्लब के लिए खेले 454 मैच
येट्स को जुलाई 1961 में डंडी यूनाइटेड से बिल शैंकली द्वारा साइन किया गया था, जिन्होंने 6 फीट 2 इंच (1.87 मीटर) के डिफेंडर के आने पर जश्न मनाया था। येट्स ने छह महीने के भीतर कप्तान का पद संभाला और एक दशक से भी अधिक समय में 454 मैच खेले। कप्तान के रूप में उनका 417 मैचों का रिकॉर्ड पिछले दशक में केवल स्टीवन जेरार्ड ही तोड़ पाए थे।
RIP Ron Yeats one of Shankly’s heroes - our thoughts are with his family and friends pic.twitter.com/BD2AMrC6ey
— Spirit of Shankly (@spiritofshankly) September 7, 2024
अपनी उपलब्धियों पर क्या बोले थे येट्स
1986 में येट्स को लिवरपूल फुटबॉल क्लब में हेड स्काउट के पद पर वापस लाया गया था। उन्होंने यहां क्लब की 2006 में रिटायर होने से पहले 20 साल तक सेवा की। उन्होंने यहां अपनी उपलब्धियों पर कहा था, 'मैं दो का नाम लेना चाहूंगा। आठ सालों के बाद क्लब को सेकेंड डिवीजन से बाहर निकालने वाला कप्तान बनना बहुत ही गर्व का क्षण था। हमने उस सीजन में 8 या 9 प्वॉइंट्स से लीग जीती और उसके बाद एफए कप उठाने वाला लिवरपूल के पहले कप्तान बनना कुछ ऐसा है जिस पर मुझे बहुत गर्व है। मैं अपने सीने पर मेडल लेकर नहीं घूमता, यह सिर्फ कहने के लिए है।'