विनोद कांबली से भी बुरे हैं इस खिलाड़ी के हालत, नहीं हैं जूते खरीदने के भी पैसे, डेब्यू मैच में ठोका था शतक
Lou Vincent: टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज विनोद कांबली इस समय चर्चा का विषय बने हुए हैं। विनोद कांबली ने एक समय पर अपनी बल्लेबाजी से सभी को दीवाना बना दिया था। लेकिन उनका करियर जल्द ही पटरी से उतर गया था। विनोद कांबली की हालत इस समय बिल्कुल अच्छी नहीं है। वो ना तो ठीक ढंग से बोल पाते हैं और ना ही चल पाते हैं। इसी बीच एक और क्रिकेटर का नाम सामने आया है, जिसकी हालत विनोद कांबली से भी खराब है। उनके पास आज जूते और टाई तक खरीदने के पैसे नहीं हैं। इस खिलाड़ी ने अपने डेब्यू मैच में शतक बनाया था। वहीं, अपने आखिरी होम मैच में 224 रनों की पारी खेली थी। इस खिलाड़ी का नाम लू विंसेंट हैं।
फिक्सिंग के आरोप में लगा था बैन
लू विंसेंट ने न्यूजीलैंड के लिए 23 टेस्ट और 108 वनडे मैच खेले हैं। 2104 में मैच फिक्सिंग के लिए ECB ने उनपर लाइफटाइम का बैन लगा दिया था। पिछले साल ही इस बैन को कम किया गया है। इसके बाद वो अब घरेलू क्रिकेट में हिस्सा ले सकते हैं। उन्होंने डेब्यू 2000 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था। इस मैच में उन्होंने शानदार शतक बनाया था। लेकिन बाद में उन्हें डिप्रेशन से भी जूझना पड़ा था। उनका इंटरनेशनल करियर केवल 29 साल की उम्र में ही खत्म हो गया था।
Lou Vincent recognised by NZ Cricket https://t.co/oadWg9XNDm
— Cement NRL curls (@q4x9cnyrtn) October 3, 2024
'मैं मानसिक रूप से तैयार नहीं था'
उन्होंने कहा, "मैं प्रोफेशनल प्लेयर बनाने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं था। मैं 28 साल की उम्र में डिप्रेशन से जूझ रहा था। इस दौरान मैं भारत आ गया था और मैच फिक्सिंग के गिरोह का हिस्सा बन गया था।" उन्होंने आगे कहा, "मैं सोच रहा था कि ये गिरोह मेरा समर्थन करेगा और कोई भी हमारे बारे में नहीं जानता था।"
#HappyBirthday Lou Vincent
On his Test debut in 🇦🇺 in 2001 he scored a 💯 (🎥:⬇️) pic.twitter.com/rzSU3ZNRrO
— Anish Desouza (@ilegally_indian) November 11, 2024
लू विंसेंट की पारिवारिक पृष्ठभूमि अच्छी नहीं थी। इसी वजह से वो हमेशा अपने आस-पास भावनात्मक समर्थन की तलाश में रहते थे। इसी वजह से वो इस खतरनाक दुनिया का हिस्सा बन गए थे।
'मैं प्यार पाना चाहता था'
अपनी लाइफ को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा, "12 साल से मैं खुद का ध्यान रख रहा हूं। इसी वजह से मैं हमेशा अपने आसपास के लोगों के बहकावे में आ जाता था। मैं प्यार पाना चाहता था और आसानी से भटक जाता था।"
इस दौरान उन्होंने बताया कि उन्हें मैच फिक्सिंग गिरोह का हिस्सा होने के खतरों का एहसास होने लगा था। उन्होंने कहा, "ये एक ऐसी दुनिया है, जिससे बाहर निकलना आसान नहीं होता है। इसमें हमेशा ही खतरा बना रहता है क्योंकि वो आपको और आपके परिवार को जानते हैं।" उन्होंने बताया कि वो 27 साल की उम्र में आत्महत्या करना चाहते थे।