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जिस कोच के दम पर नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक में जीता गोल्‍ड, उन्‍होंने छोड़ा साथ; जानें कौन हैं Klaus Bartonietz?

Neeraj Chopra Part Ways With Klaus Bartonietz: भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा और उनके लंबे समय से कोच जर्मनी के क्लाउस बार्टोनिएट्ज के बीच पांच साल की साझेदारी अब खत्म हो गई है।
01:48 PM Oct 02, 2024 IST | Mohan Kumar
Neeraj Chopra With Klaus Bartonietz
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Neeraj Chopra Part Ways With Klaus Bartonietz: दो बार के ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा अब अपने कोच क्लाउस बार्टोनिट्ज से अलग हो गए हैं। जर्मनी के कोच बायोमैकेनिक्स विशेषज्ञ के रूप में नीरज से जुड़े और बाद में 2019 में उनके परमानेंट कोच बन गए। उन्होंने उवे होन के एएफआई और भारतीय खेल प्राधिकरण के साथ मतभेद के बाद चोपड़ा के कोच का पद संभाला था।

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भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के एक अधिकारी ने खुलासा किया कि बार्टोनिट्ज अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहते हैं और इसलिए उन्होंने नीरज के साथ अपनी पार्टनरशिप तोड़ी है। इसके साथ ही यह अफवाह भी खत्म हो गई कि नीरज जर्मनी कोच के साथ अपना कॉन्ट्रैक्ट खत्म करना चाहते थे।

बार्टोनिट्ज के रहते चोपड़ा टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड और पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीते। वर्ल्ड चैंपियन और डायमंड लीग चैंपियन बने। इसके अलावा एशियाई खेलों में भी गोल्ड मेडल जीते। नीरज ने आखिरी बार जर्मन कोच के साथ ब्रुसेल्स में डायमंड लीग फाइनल में भाग लिया था, जहां वह एंडरसन पीटर्स के बाद दूसरे स्थान पर रहे थे।


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इस तरह शुरू हुई नीरज-बार्टोनिट्ज की यात्रा

नीरज चोपड़ा ने उवे होन के मार्गदर्शन में 2018 में एशियाई खेलों और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीते थे। हालांकि इसके बाद हरियाणा के खिलाड़ी को लगा कि उन्हें अपनी ट्रेनिंग मैथड में बदलाव करने की जरूरत है। इस तरह नीरज चोपड़ा और क्लॉस बार्टोनिट्ज की जर्नी शुरू हो गई। जर्मन खिलाड़ी चोपड़ा के करियर के सबसे चुनौतीपूर्ण समय में उनके साथ रहे हैं। 2019 में थ्रोइंग आर्म की कोहनी में चोट लगने के कारण चोपड़ा लगभग एक साल तक बाहर रहे।

बार्टोनिट्ज ने नीरज पर की काफी मेहनत

चोपड़ा को जमीन से ऊपर उठाने के लिए बार्टोनिट्ज और उनकी टीम को काफी मेहनत करनी पड़ी। चोट से वापसी करने के बाद चोपड़ा ने अपने पहली कॉम्पिटीशन में 87.86 मीटर का लंबा थ्रो फेंका और टोक्यो ओलंपिक का टिकट कटाया। हालांकि कोविड-19 महामारी ने चोपड़ा की ओलंपिक की तैयारी को प्रभावित किया, लेकिन नीरज-बार्टोनिट्ज की जोड़ी एक-साथ रही। बार्टोनिट्ज ने नीरज के शरीर के लचीलेपन को निखारने के लिए लॉकडाउन के दौरान काफी समय बिताया। उन्होंने ओलंपिक से पहले एक छोटे टूर्नामेंट के लिए यूरोप जाने से पहले पटियाला में भी कुछ महीने बिताए थे।

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