शार्क से लड़ी, पैर गंवाया, किसी तरह बची जान, अब पैरालंपिक में कर दिया कमाल
Alexandra Truwit Wins Silver Medal: कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी चुनौती आपका रास्ता नहीं रोक सकती। ये बात अमेरिका की पैरा एथलीट अली ट्रूविट पर फिट बैठती है। उन्होंने पेरिस पैरालंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर इस बात को साबित कर दिया है कि अगर दृढ़ निश्चय हो तो कोई भी मुश्किल बड़ी नहीं होती। अमेरिकी खिलाड़ी ने एक बड़ी दुर्घटना के महज 16 महीने के अंदर स्विमिंग में मेडल जीतकर अपनी प्रतिभा साबित कर दी है।
शार्क ने कर दिया था अटैक
अली ने गुरुवार रात को ला डिफेंस एरेना में 400 मीटर फ्रीस्टाइल (एस-10) में रजत पदक जीता। उनके साथ ये दुर्घटना पिछले साल 2023 में हुई। अली पर तुर्क और कैकोस आइलैंड विजिट के दौरान शार्क ने अटैक कर दिया था। इस दुर्घटना में उनके बाएं पैर का एक हिस्सा काटना पड़ा। खास बात यह है कि अपना बायां पैर चोटिल होने के बावजूद अली ने जैसे-तैसे एक नाव तक 70 मीटर की दूरी तय की और अपनी जान बचाई।
#Paris2024 En natation, la Canadienne Aurélie Rivard a remporté ce jeudi, sa 13e médaille paralympique, la 6e en or, sur le 400m nage libre (catégorie S10).
Une performance presque éclipsée par celle de sa dauphine, la nageuse américaine Alexandra "Ali" Truwit 🥈#Paralympics pic.twitter.com/SHWTFWbiFx
— Time Sport Média (@timesportmedia1) September 5, 2024
ट्रिप पर शार्क ने किया हमला
अली हमेशा से ही एक शानदार एथलीट और ट्रैवलर रही हैं। इस दुर्घटना से पहले उन्होंने रनिंग, स्विमिंग, जंपिंग और मैराथन में हिस्सा लिया था। येल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद उन्होंने अपने दोस्तों के साथ घूमने का प्लान बनाया। वह एक दिन अपने दोस्तों के साथ स्नॉर्कलिंग ट्रिप के लिए तुर्क और कैकोस आइलैंड गई थीं। यहां वह अपनी ट्रिप को एंजॉय कर रही थीं कि अचानक एक शार्क ने उन पर हमला कर दिया। हमले के बाद सोफी की हालत बेहद खराब हो गई। उन्होंने टूर्निकेट बांधकर खून के बहाव को रोका। इसके बाद उसे एयरलिफ्ट कर अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसकी जान बचाने की कोशिश की। इसी दौरान उसके पैर का ऑपरेशन किया गया। आखिरकार उनका घुटने के ठीक नीचे से पैर काटना पड़ा।
शुरू हुआ असली संघर्ष
इसके बाद अली के जीवन का असली संघर्ष शुरू हुआ। उन्हें रोजाना मानसिक तनाव और दर्द झेलना पड़ा। आलम ये था कि रात में ये दर्द और बढ़ जाता। अली के जीवन में मानो पानी एक डर बन गया। इसके चार महीने तक अली ने इससे उबरने की पूरी कोशिश की। उन्होंने अपने स्विमिंग कोच जेम्स बैरोन से बात की। उन्होंने पूछा कि क्या वे उसकी मदद करेंगे। जब जेम्स बैरोन इसके लिए राजी हुए तो मानो अली का दूसरा जन्म हुआ। अक्टूबर के अंत में उन्होंने अपने पहले स्विमिंग कॉम्पिटीशन में हिस्सा लिया। इसके बाद उन्होंने लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर पेरिस तक का सफर तय किया और आखिरकार सिल्वर मेडल पर कब्जा जमा लिया। अली का कहना है कि जब आप मौत का सामना करते हैं तो जीवन का असली मतलब समझते हैं। हम ये समझते हैं कि जीवन में दूसरा मौका क्या होता है।
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