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Paralympic 2024: पैरालंपिक में क्या होता है एथलीट के आगे कोड का मतलब, खिलाड़ियों की पहचान से कैसे है जुड़ा?

Paralympics 2024 Games Know All Rules: पैरालंपिक गेम्स में भारत के 84 एथलीट हिस्सा लेंगे। इस बार भारत ने सबसे बड़ा दल भेजा है। ये एथलीट 12 स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगे। आइए जानते हैं पैरालंपिक गेम्स में नियमों के बारे में...
05:00 PM Aug 27, 2024 IST | Pushpendra Sharma
paralympic 2024  पैरालंपिक में क्या होता है एथलीट के आगे कोड का मतलब  खिलाड़ियों की पहचान से कैसे है जुड़ा
Paralympic 2024

Paralympics 2024 Games Know All Rules: पेरिस ओलंपिक के बाद पैरालंपिक की शुरुआत 28 सितंबर से होने जा रही है। पैरालंपिक गेम्स 8 सितंबर तक चलेंगे। जिसमें दिव्यांग खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। इस बार पैरालंपिक में भारत के 84 एथलीट्स का सबसे बड़ा दल भेजा गया है। ये एथलीट 12 स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगे। इन एथलीट्स के खेल की पहचान एक कोड से होगी। दरअसल, पैरालंपिक गेम्स में खिलाड़ियों के नाम के आगे एक कोड लिखा होता है। जिससे उनके खेल के बारे में पता चलता है। आइए आपको पैरालंपिक से जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारी बताते हैं...

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शारीरिक दुर्बलता वाले एथलीट्स को मिलता है मौका

पैरालंपिक में दिव्यांग खिलाड़ी ही हिस्सा ले सकते हैं। यानी शारीरिक दुर्बलताओं वाले खिलाड़ियों को ही इसमें हिस्सा लेने की अनुमति होती है। नियमों के अनुसार, 10 तरह की दुर्बलताएं इसमें शामिल होती हैं। जैसे कि पैरों की लंबाई, मांसपेशियों की दुर्बलता, जकड़न, देखने में दिक्कत वाले एथलीट्स को पैरालंपिक में हिस्सा लेने का मौका मिलता है। गौरतलब है कि पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलों में अब तक की सबसे ज्यादा महिला एथलीट और प्रतिनिधिमंडल हिस्सा लेंगे। जानकारी के अनुसार, पेरिस 2024 में रिकॉर्ड 168 प्रतिनिधिमंडलों के लगभग 4,400 एथलीट भाग लेंगे। इन 4,400 एथलीट्स में रिकॉर्ड 1,983 महिलाएं शामिल रहेंगी। पैरालंपिक में 22 खेलों में 549 मेडल के लिए प्रतिस्पर्धा की जाएगी।

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हर कैटेगरी का एक कोड

अब बात करते हैं कैटेगरी के आगे लिखे नंबर या कोड का मतलब क्या होता है? दरअसल, पैरालंपिक में हर कैटेगरी का एक नंबर और कोड लिखा होता है। जैसे खड़े होकर खेले जाने वाले गेम्स की कैटेगरी S से शुरू होती है। इन नंबर्स से खिलाड़ी की शारीरिक दुर्बलता का भी पता चलता है। मसलन, किसी खिलाड़ी की कैटेगरी के आगे SL लिखा है तो इसका मतलब है कि उसके निचले हिस्से यानी लोअर लिंब में परेशानी है। वहीं जैवलिन थ्रो जैसे गेम्स में नॉर्मल तरीके से खड़े होकर और व्हील चेयर पर बैठकर थ्रो किया जाता है। ऐसे में इनकी कैटेगरी अलग-अलग होती है। इसके साथ ही कुछ गेम्स ऐसे भी हैं, जिनमें 10 तरह की शारीरिक दुर्बलता वाले दिव्यांग हिस्सा ले सकते हैं।

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टोक्यो में जीते थे 19 पदक

बता दें कि टोक्यो ओलंपिक में भारत ने रिकॉर्ड 19 पदक जीते थे। इसमें 5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज शामिल रहे। इस बार भी भारत के सबसे बड़े दल से काफी उम्मीदें हैं। 28 अगस्त को उद्घाटन समारोह के बाद 29 अगस्त को ताइक्वांडो, साइकिलिंग, बैडमिंटन और तीरंदाजी में भारतीय प्रतिभाएं प्रदर्शन करती नजर आएंगी।

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