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Paris Olympics में भारत जीत सकता था 7 और मेडल, देखें कहां पर हो गई चूक

Paris Olympics 2024 में भारत ने कुल 6 पदक जीते हैं। इस बार उम्मीद की जा रही थी कि भारत ओलंपिक में अपना अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करेगा और 10 से अधिक मेडल जीतेगा। लेकिन, ये सपना अधूरा रह गया। भारत को 1 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल ही इस ओलंपिक में नसीब हो सके। हालांकि, भारत 7 मेडल और जीत सकता था। 
12:06 PM Aug 11, 2024 IST | mashahid abbas
paris olympics में भारत जीत सकता था 7 और मेडल  देखें कहां पर हो गई चूक
Paris Olympics 2024

Paris Olympics 2024 का आज आखिरी दिन है। अंतिम दिन भारत किसी भी खेल में प्रतिभाग नहीं कर रहा है। भारत का सफर इस ओलंपिक में शनिवार को ही खत्म हो गया था। इस बार उम्मीद की जा रही थी कि भारत ओलंपिक में अपना अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन करेगा, लेकिन एथलीट्स ऐसा करने में नाकाम रहे। भारत को टोक्यो ओलंपिक-2020 में कुल 7 मेडल मिले थे, लेकिन इस बार भारत को केवल 6 ही मेडल नसीब हो सके। हालांकि, इस ओलंपिक में भारत को 7 मेडल और मिल सकते थे। लेकिन ये पदक महज 1 कदम ही दूर रह गए। आइए इस रिपोर्ट में जानते हैं कि भारत को ये 7 मेडल कौन से एथलीट्स दिला सकते थे।

मनु भाकर 

मनु भाकर ने इस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने इस ओलंपिक में 2 ब्रॉन्ज मेडल जीते। हालांकि, मनु भाकर के पास एक मेडल और जीतने का मौका था। ये मेडल वह शूटिंग की 25 मीटर एयर राइफल के इवेंट में जीत सकतीं थीं। मनु भाकर ने इस इवेंट के फाइनल में शानदार प्रदर्शन किया था। लेकिन वह महज एक शॉट से पदक जीतने से चूक गईं थीं। फाइनल मैच में वह ब्रॉन्ज मेडल के लिए शूटऑफ में पहुंची थीं, जहां उन्हें हंगरी की शूटर वेरोनिका मेजर से हार का सामना करना पड़ा। अगर मनु भाकर एक शॉट और निशाने पर मार देतीं तो वह इस ओलंपिक में 3 मेडल जीतकर इतिहास रच देतीं।

लक्ष्य सेन 

भारत के स्टार शटलर लक्ष्य सेन ने बैडमिंटन की खेल स्पर्धा में सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। लक्ष्य सेन भारत के पहले पुरुष शटलर बने जो ओलंपिक में सेमीफाइनल तक पहुंचे। सेमीफाइल मैच में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल मैच में हिस्सा लिया। इस मैच में उन्होंने बढ़त भी बना ली थी। भारत के करोड़ों फैंस को उम्मीद थी कि वह पदक जीत लेंगे। लेकिन, इसके बाद ही वह मैच में चोट की वजह से पिछड़ गए। उन्हें मलेशिया के ली जी जिया ने 13-21, 21-16, 21-11 के अंतर से हरा दिया। इससे भारत यहां पर भी ब्रॉन्ज मेडल जीतने से चूक गया।

महेश्वरी चौहान और अनंत जीत 

भारत की ओर से इस ओलंपिक में सबसे अच्छा प्रदर्शन शूटिंग की स्पर्धा में रहा। शूटिंग की स्पर्धा में ही महेश्वरी चौहान और अनंत की जोड़ी के पास मौका था कि वह भारत के लिए मेडल जीतें। दोनों की जोड़ी ब्रॉन्ज मेडल मैच में खेलने उतरी थी, जहां उनकी जीत की संभावनाएं भी थीं। लेकिन, चीन की जियांग यटिंग और ल्यू जेइयलिन की जोड़ी ने महेश्वरी चौहान और अनंत की जोड़ी को महज 1 अंक से हराकर भारत की पदक की उम्मीदें तोड़ दीं। दोनों की जोड़ी चौथे स्थान पर रही।

धीरज बोम्मादेवरा और अंकिता भकत

तीरंदाजी की मिश्रित टीम में धीरज बोम्मादेवरा और अंकिता भकत भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। इन दोनों की जोड़ी ने ब्रॉन्ज मेडल मैच भी खेला। माना जा रहा था कि इस इवेंट में भारत को एक और मेडल मिल जाएगा। लेकिन USA के केसी कौफहोल्ड और ब्रैडी एलिसन की जोड़ी ने धीरज बोम्मादेवरा और अंकिता भकत की जोड़ी को 2-6 के अंतर से हरा दिया और भारत का पदक जीतने का सपना टूट गया। यहां भी ये भारतीय जोड़ी चौथे स्थान पर रही।

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अर्जुन बबूता

भारतीय शूटर अर्जुन बबूता के पास भी मौका था कि वो पदक जीत सकें। शूटिंग की 10 मीटर एयर राइफल में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल मैच खेला था। अर्जुन को अपने 20वें प्रयास में क्रोएशिया के मैरिसिक मिरान की बराबरी करने के लिए 10.9 के शॉट की जरूरत थी, लेकिन वो 9.5 का ही शॉट लगा सके। इससे भारत का एक और मेडल जीतने का सपना टूट गया।

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मीराबाई चानू 

भारत की स्टार महिला एथलीट मीराबाई चानू से देश के करोड़ों खेल प्रशंसकों को मेडल की उम्मीद थी। मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक-2020 में सिल्वर मेडल जीता था। इस बार उनसे गोल्ड मेडल की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन, वह महज 1 किलोग्राम के अंतर से चूक गई और चौथे स्थान पर रहीं।

विनेश फोगाट 

विनेश फोगाट ने कुश्ती की 50 किग्रा भार वर्ग में अपनी चुनौती पेश की थी। उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए इस स्पर्धा में फाइनल तक का सफर भी तय कर लिया था। लेकिन, फाइनल  मैच से पहले वह अपने वजन पर काबू नहीं कर पाईं। महज 100 ग्राम वजन अधिक होने के चलते उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया और भारत की गोल्ड या सिल्वर मेडल की उम्मीदों पर पानी फिर गया।

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