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Paris Olympics मेडलिस्ट मनु भाकर के कोच जसपाल राणा का दर्द छलका, बोले- जिन्होंने गालियां निकालीं, आज इंटरव्यू चाहते

Jaspal Rana Interview: पेरिस ओलंपिक 2024 में शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली मनु भाकर के कोच जसपाल राणा एक इंटरव्यू के दौरान भावुक हो गए। उन्होंने मनु भाकर की सफलता की कहानी सुनाते हुए अपने आर्थिक संघर्ष के बारे में भी बात की। आइए जानते हैं कि उन्होंने क्या कहा?
01:01 PM Jul 30, 2024 IST | Khushbu Goyal
paris olympics मेडलिस्ट मनु भाकर के कोच जसपाल राणा का दर्द छलका  बोले  जिन्होंने गालियां निकालीं  आज इंटरव्यू चाहते
मनु भाकर और उनके परिवार को कोच जसपाल राणा ने जीत की बधाई दी।

Manu Bhaker Coach Jaspal Rana Struggle Story: पेरिस ओलंपिक 2024 में इंडियन शूटर मनु भाकर ने देश को पहला मेडल दिलाकर इतिहास रचा। मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश का, परिवार का, अपने कोच का नाम रोशन किया। वहीं मनु भाकर की उपलब्धि पर उनके कोच जसपाल राणा ने भी खुशी जताई। RevSportz के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने मनु भाकर और उनके परिवार को मेडल जीतने की बधाई दी।

साथ ही अपने जीवन संघर्ष पर भी खुलकर बात की। पूर्व ओलंपियन जसपाल राणा इंटरव्यू के दौरान भावुक भी हो गए। उन्होंने बताया कि कैसे टोक्यो ओलंपिक में मनु भाकर के हारने के बाद उन्हें संघर्ष करना पड़ा। उन्हें बुरा भला कहा गया, गालियां निकालते हुए दुर्व्यवहार किया गया। इतना ही नहीं उन्हें पैसे कमाने के लिए नौकरी तक तलाशनी पड़ी। जसपाल राणा ने टोक्यो ओलंपिक के बाद किए गए जीवन संघर्ष का खुलासा किया।

जो गालियां देते थे, आज इंटरव्यू लेना चाहते

जसपाल राणा ने बताया कि टोक्यो ओलंपिक के बाद से ही वे आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे हैं। मनु भाकर ने पेरिस में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा है। वह शूटिंग में ओलंपिक मेडल जीतने वाली पहली महिला शूटर बन गई है। इसके बावजूद उनको 3 साल से नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया से वेतन नहीं मिला है, जिससे उन्हें तत्काल रोजगार का साधन तलाशने के लिए मजबूर होना पड़ा।

जसपाल राणा ने कहा कि जिन लोगों ने टोक्यो ओलंपिक के बाद मुझसे दुर्व्यवहार किया, मुझे गालियां निकालीं, खलनायक बनाया, वे अब मेरा इंटरव्यू लेना चाहते हैं। कोई समस्या नहीं है, मैंने साक्षात्कार दिए है, लेकिन क्या ये लोग मेरे आर्थिक नुकसान की भरपाई कर पाएंगे? मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में मेडल जीता, अपनी होनहार स्टूडेंट की सफलता पर जहां उनकी खुशी छलकी, वहीं उन्होंने अपने आर्थिक हालातों पर प्रकाश डालते हुए नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) और अन्य खेल संगठनों पर सवाल उठाए।

मनु ने मुझे कोच बनाकर महत्वपूर्ण बना दिया

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जसपाल राणा ने कहा कि मैं कोई नहीं हूं। मैंने बस एक नौकरी की है। मनु चाहती थी कि मैं उसकी मदद करूं और मैंने उसे सिर्फ शूटिंग के गुर सिखाए, ब्रॉन्ज मेडल उसकी मेहनत का परिणाम है। मैं मनु भाकर की उपलब्धि से उससे ज्यादा खुश हूं, क्योंकि उसने मेरा सिर झुकने नहीं दिया। मनु ने दिखाया है कि वह क्या कर सकती है? मैंने सिर्फ उसके हुनर को धार दी है।

राणा ने ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने में सहायता के लिए पीटी उषा और कैप्टन अजय नारंग का आभार व्यक्त किया। वहीं  इंटरव्यू के दौरान राणा अपनी आर्थिक तंगी और संघर्ष का अहसास जाहिर करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि मनु स्टार है, मैं बेरोजगार कोच हूं। मनु ने मुझसे शूटिंग के गुर सीखकर मुझे महत्वपूर्ण बना दिया, लेकिन पिछले 3 साल मेरे लिए बहुत कठिन रहे। इस बारे में कभी बात नहीं करना चाहता था, लेकिन आज खुद को रोक नहीं पाया।

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