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'मैं इसलिए नर्वस हूं' ओलंपिक से पहले क्यों परेशान हैं नीरज चोपड़ा? खुद बताई वजह

Paris Olympics 2024 का आगाज 26 जुलाई से होने जा रहा है। भारत के एथलीट खेलों के इस महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिए पहुंचने लगे हैं। इस बार भारत के खेल प्रेमी एथलीटों से सर्वाधिक पदक जीतने की उम्मीद लगाए हुए हैं। भाला फेंक की स्पर्धा में पिछले ओलंपिक में स्वर्ण जीतने वाले नीरज चोपड़ा से इस बार भी खेल प्रेमियों को पदक की उम्मीद है।
08:27 AM Jul 20, 2024 IST | mashahid abbas
Neeraj Chopra
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Paris Olympics 2024 का आगाज 26 जुलाई से होने जा रहा है। इस बार भारत से कुल 117 एथलीट ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए पेरिस पहुंच रहे हैं। खेल प्रेमियों को उम्मीद है कि इस बार भारत अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा। खेल प्रशंसकों को सबसे ज्यादा उम्मीद जिन खिलाड़ियों से हैं उनमें सबसे बड़ा नाम एथलीट नीरज चोपड़ा का है। नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक-2020 में भाला फेंक की स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था, इसके बाद नीरज चोपड़ा ने एशियाई खेलों में भी शानदार प्रदर्शन करके स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया था। भारत के खेल प्रेमियों को एक ओर जहां नीरज चोपड़ा से ओलंपिक में पदक की उम्मीद है। वहीं, नीरज चोपड़ा ने कहा है कि वह नर्वस हैं।

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क्यों नर्वस हैं नीरज

पेरिस ओलंपिक 2024 के शुरू होने से पहले नीरज ने स्पोर्ट स्टार के साथ बातचीत में कहा कि वह इस बार थोड़ा नर्वस हैं। पिछली बार वह इस इस खेल में नए थे तो सबका ध्यान जोहान्स पर था, लेकिन इस बार सभी की नजर मुझपर है, जिससे मैं थोड़ा नर्वस हूं। पिछले ओलंपिक में भारतीय दर्शक भाला फेंक के बजाय अन्य एथलीटों पर ध्यान दे रहे थे। उस समय मैं खुद पर केंद्रित था, लेकिन मुझ पर बहुत कम दबाव था क्योंकि वह मेरा पहला ओलंपिक था। लेकिन इस बार सभी की नजर मुझपर पहले से ही टिकी हुई है। मैं अपना बेस्ट दूंगा।

धोनी-कोहली से तुलना पर क्या बोले नीरज

नीरज चोपड़ा ने चैनल से बातचीत करते हुए आगे कहा कि क्रिकेट अभी भी भारत में सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला खेल है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि जैवलिन भी इसी तरह की पहचान और सफलता हासिल कर सकता है। खेल की लोकप्रियता के बजाय अगर आप अपने खेल का सम्मान करते हैं और उससे संतुष्ट महसूस करते हैं, तो कुछ और मायने नहीं रखता है। मैंने कभी भी अपनी तुलना विराट कोहली या एमएस धोनी जैसे खिलाड़ियों से करने की कोशिश नहीं की है क्योंकि मैं जो हूं उसकी वास्तविकता से अच्छी तरह वाकिफ हूं। ओलंपिक के बाद लोग मुझे पहचानने लगे हैं, लेकिन मुझे पता है कि एक क्रिकेटर की तुलना में मेरी लोकप्रियता में काफी अंतर है।

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हर गली में भाला नहीं फेंका जा सकता

नीरज ने कहा कि क्रिकेट लोगों को इसलिए पसंद है क्योंकि वह गली-गली में खेला जा सकता है। लेकिन भाला हर गली में नहीं फेंका जा सकता है। जैवलिन की लोकप्रियता के लिए कोई भी शॉर्टकट नहीं है। नीरज चोपड़ा पेरिस ओलंपिक में भारतीय एथलीटों का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने बताया कि वह इस ओलंपिक में 90 मी. का थ्रो करने का लक्ष्य बनाए हुए हैं।

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