Paris Olympic में राफेल, हेलीकॉप्टर और ड्रोन से शॉर्प शूटर करेंगे निगरानी, देखें कैसी है सुरक्षा व्यवस्था
Paris Olympics 2024 का आगाज 26 जुलाई से होने जा रहा है। इस बार ओलंपिक की मेजबानी फ्रांस कर रहा है। फ्रांस में 100 साल के बाद ओलंपिक का आयोजन होगा। खेलों के इस महाकुंभ में दुनिया भर से 10,500 खिलाड़ी अपना दमखम पेश करेंगे। इन खिलाड़ियों व उनके कोचिंग स्टाफ के लिए फ्रांस के पेरिस शहर को पूरी तरह से अभेद किला के रूप में तब्दील कर दिया गया है। पेरिस शहर के चारों ओर पुलिस और बंदूकधारी सैनिकों की तैनाती की गई है। पूरे शहर में ड्रोन, राफेल, जेट, हेलीकाप्टर से निगरानी की जा रही है।
हिंसा का गवाह रहा है शहर
फ्रांस में पिछले कुछ सालों से हिंसा और खतरनाक हमले हुए हैं। इससे पेरिस शहर भी नहीं बच सका था। यहां भी पिछले कई सालों में भयानक हिंसा देखने को मिली है। अलकायदा और इस्लामिक स्टेट के नाम पर इस शहर में कई आतंकी हमले भी हो चुके हैं। इस वजह से ओलंपिक में खेलने पहुंचे खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर कोई भी जोखिम नहीं उठाया जा रहा है। पेरिस ओलंपिक के लिए अलग से नए आयोजन स्थल नहीं बनाए गए हैं, बल्कि आयोजनों के लिए पुरानी और मशहूर जगहों को ही चुना गया है, जबकि कुछ खेलों के लिए अस्थाई आयोजन स्थल का निर्माण किया गया है।
लाखों लोगों की सुरक्षा का होगा इंतजाम
पेरिस ओलंपिक में कुल 10,500 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा इन खिलाड़ियों के साथ उनका कोचिंग स्टाफ भी मौजूद रहेगा। साथ ही लाखों की संख्या में दर्शक भी खेलों को देखने के लिए पहुंचेंगे। इन सबकी सुरक्षा के लिए फ्रांस ने सेना, शार्प शूटर, अर्धसैनिक बल और पुलिस की मदद ली है। ये सभी लाखों लोगों की सुरक्षा का बंदोबस्त करने में जुटे हुए हैं। कहा जा रहा है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे बड़ा सैन्य शिविर पेरिस में मौजूदा समय में ही लगाया गया है। शहर के किसी भी कोने में तैनात सुरक्षा बल महज 30 मिनट में ही किसी भी हिस्से में पहुंचने के लिए तैयार रहेंगे।
जमीन से लेकर आसमान तक रहेगी सुरक्षा
पेरिस में पूरे शहर को सुरक्षा बलों के हवाले कर दिया गया है। शहर के हर हिस्से में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पेरिस शहर में सुरक्षा के लिए 60 हजार पुलिस कर्मी और 10 हजार सेना के लोगों को तैनात किया गया है। ये जमीनी सुरक्षा के साथ-साथ आसमानी क्षेत्र से भी शहर की सुरक्षा करेंगे। आसमान से सुरक्षा के लिए राफेल विमान, ड्रोन हवाई क्षेत्र की निगरानी करने वाली AWACS निगरानी उड़ानें, रीपर निगरानी ड्रोन, शार्पशूटर वाले हेलीकाप्टर और ड्रोन शूटिंग उपकरणों की तैनाती की गई है।
AI के साथ 40 देशों के सुरक्षाबलों की भी मदद
पेरिस ओलंपिक में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल सुरक्षा के लिए किया जा रहा है। इससे लावारिस बैग मिलने या भीड़ बढ़ने की स्थिति में बड़ी मदद मिलेगी। वहीं, ओलंपिक में खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए फ्रांस में 40 देशों ने करीब 1900 पुलिसकर्मी भी भेजे हैं, ये सभी फ्रांस की लोकल सुरक्षा एजेंसियों के साथ काम करेंगी।
राष्ट्रपति बोले प्लान बी और सी भी मौजूद
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ओलंपिक में सुरक्षा के इंतजाम पर लोगों को आश्वासित करते हुए कहा है कि अगर कुछ भी होता है तो प्लान बी और प्लान सी दोनों मौजूद हैं। वहीं, सेना के दूसरे नंबर के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल एरिक चासबोफ ने कहा कि ये एक बहुत बड़ा ऑपरेशन है। मैंने फ्रांस में सुरक्षा का ऐसा स्तर पहले कभी नहीं देखा है। चाहे कुछ भी हो हम तैयार हैं।
नो फ्लाई जोन होगा लागू
ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी के दौरान सीन नदी के आसपास करीब 150 किलोमीटर एरिया को नो फ्लाई जोन घोषित करने की तैयारी है। इसके साथ ही एआई सॉफ्टवेयर से लैस कैमरे भी किसी भी संभावित खतरे से निपटने में सुरक्षा एजेंसियों की मदद करेंगे।
भारत ने भी की मदद
फ्रांस में होने वाले ओलंपिक के आयोजन की सुरक्षा में भारत की भी भूमिका होगी। भारत के पुलिस अधिकारी ट्रेन्ड K9 कुत्तों के साथ सुरक्षा के बंदोबस्त देखेंगे। इस नस्ल के कुत्तों ने ही 2011 में ओसामा बिन लादेन के ठिकानों पर छापेमारी में विशेष भूमिका निभाई थी। साथ ही सीरीया की सुरंग में आईएसआएस नेता अबु बक्र अल बगदादी का भी पीछा किया था। ये कुत्ते बेहद खतरनाक और खूंखार होते हैं।
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