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2017 का एक नियम जो विनेश फोगाट पर पड़ गया भारी! इससे बेहतर था चोटिल हो जातीं महिला पहलवान

Paris Olympics 2024 में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट के अयोग्य घोषित हो जाने से भारत के करोड़ों खेल प्रशंसकों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। विनेश फोगाट पर 2017 का एक नियम भारी पड़ गया है। अगर विनेश फोगाट इस मैच से पहले चोटिल हो जातीं तो उन्हें रजत पदक मिल सकता था, लेकिन अब उन्हें बिना किसी मेडल के भारत वापस लौटना होगा।
04:23 PM Aug 07, 2024 IST | mashahid abbas
2017 का एक नियम जो विनेश फोगाट पर पड़ गया भारी  इससे बेहतर था चोटिल हो जातीं महिला पहलवान
Vinesh Phogat

Paris Olympics 2024 में भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित कर दिया गया है। इससे भारत का पहला गोल्ड या सिल्वर मेडल जीतने का सपना भी चकनाचूर हो गया है। विनेश फोगाट महज 100 ग्राम बढ़े हुए वजन के चलते इस ओलंपिक से बाहर कर दी गईं हैं। उन्हें आज रात कुश्ती की 50 किग्रा भार वर्ग के फाइनल मैच में खेलना था। इससे पहले उन्होंने क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में शानदार प्रदर्शन कर फाइनल में जगह बनाई थी। विनेश फोगाट के लिए 2017 का एक नियम भारी पड़ गया है।

क्यों रखी जाती है वेट कैटेगरी?

पहलवानों, मुक्केबाजों और लड़ाकू खेलों के एथलीटों के पास अपना वेट कैटेगरी चुनने का अवसर रहता है। इस वेट कैटेगरी का ये नियम इसलिए बनाया गया है ताकि उस वजन से अधिक वाले एथलीटों को उस प्रतियोगिता में भाग लेने की अनुमति नहीं हो। अनिवार्य रूप से, खेल नहीं चाहता कि एक बड़ा एथलीट एक छोटे एथलीट के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करे। लेकिन कभी-कभी अधिक वजन के एथलीट अपना वजन कम करके कम वेट कैटेगरी वाली स्पर्धा में खेलते हैं। इन खेलों में ऐसा होना आम बात है।

कौन सा नियम साबित हुआ नुकसानदेह 

ये नियम 2017 में बना। तब यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने ओलंपिक कुश्ती के प्रारूप को बदला था। पहले ओलंपिक में कुश्ती के सभी भार वर्ग की प्रतियोगिता एक ही दिन में आयोजित होती थी, लेकिन 2017 में इसे बदलकर दो दिवसीय कर दिया  गया। ऐसा इसलिए किया गया ताकि एथलीट एक दिन में बहुत अधिक वजन कम करके प्रतिस्पर्धा न करें।

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कब मापा जाता है पहलवानों का वजन

यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ओलंपिक वजन-माप नियमों के अनुसार, पहलवानों को अपनी प्रतियोगिता की सुबह अपना वजन मापना होता है। लेकिन पहले दिन वजन माप से पहले, पहलवान को अपने लाइसेंस और मान्यता के साथ मेडिकल जांच के लिए उपस्थित होना होता है, इसमें पहलवान अपना सिंगलेट पहने हुए होते हैं। पहले दिन वजन माप की अवधि 30 मिनट होती है और पहलवान कई बार अपना वजन माप सकता है। दूसरे दिन पहलवान के पास वजन मापने के लिए 15 मिनट होते हैं। इसमें सुबह पहलवानों का वजन किया जाता है।

वजन नहीं कराती विनेश तो क्या होता

यूडब्ल्यूडब्ल्यू के नियमों के अनुसार, एथलीट को प्रतियोगिता के सभी दिनों में वजन बनाए रखना होता है। ओलंपिक में कुश्ती की प्रतियोगिता दो दिनों तक चलती है, इसलिए विनेश को दोनों दिनों में 50 किलोग्राम या उससे कम वजन रखना था और वह दूसरे दिन ऐसा नहीं कर पाई, इसलिए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस बीच एक सवाल भी उठ रहा है कि अगर विनेश अगर वजन नहीं करातीं तो क्या होता? नियमों के अनुसार यदि कोई एथलीट वजन मापने (पहला या दूसरा वजन मापने) में शामिल नहीं होता है या असफल हो जाता है, तो उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा और बिना किसी रैंक के अंतिम स्थान पर रख दिया जाएगा।

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अगर विनेश चोटिल होतीं तो क्या होता

नियमों के मुताबिक अगर विनेश फोगाट फाइनल मैच से पहले घायल हो जातीं तो उनके परिणाम पर उसका कोई असर नहीं होता। यूडब्ल्यूडब्ल्यू के अनुसार, अगर कोई एथलीट पहले दिन चोटिल हो जाता है तो उसे दूसरे दिन वजन मापने के लिए उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होती और उसके परिणाम सुरक्षित रहते हैं। इस मामले में विनेश फोगाट को सिल्वर पदक मिल जाता।

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