whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.

Paris Paralympics 2024: पोल‍ियो हुआ..ताने झेले, अब पेर‍िस में जीता मेडल, जानें मोना अग्रवाल के संघर्ष की कहानी

Paris Paralympics 2024 में भारत की स्टार निशानेबाज मोना अग्रवाल ने भारत के लिए कांस्य पदक जीत लिया है। उन्होंने शूटिंग की स्पर्धा में ये मेडल जीता। मोना अग्रवाल पेरिस पैरालंपिक गेम्स में तीन पदक स्पर्धा में हिस्सा ले रही हैं।
03:54 PM Aug 30, 2024 IST | mashahid abbas
paris paralympics 2024  पोल‍ियो हुआ  ताने झेले  अब पेर‍िस में जीता मेडल  जानें मोना अग्रवाल के संघर्ष की कहानी
Mona Agarwal

Paris Paralympics 2024 में स्टार निशानेबाज मोना अग्रवाल ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर अंक तालिका में भारत का खाता खोला है। 37 वर्षीय पैरा-शूटर मोना अग्रवाल महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग आर-2 स्पर्धा में ये मेडल अपने नाम किया है।

इसी स्पर्धा में भारत ने जीता गोल्ड 

मोना अग्रवाल ने पेरिस पैरालंपिक के मेडल मैच में 228.7 का स्कोर बनाकर तीसरा स्थान हासिल किया है। इस इवेंट में साउथ कोरिया की युनरी ली ने 246.8 का स्कोर बनाकर सिल्वर और भारत की ही अवनि लेखरा ने 249.7 का स्कोर बनाकर गोल्ड मेडल जीता है।

कौन हैं मोना अग्रवाल?

पेरिस पैरालंपिक में भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली मोना अग्रवाल की कहानी बहुत प्रेरक है। उन्होंने पेरिस पैरालंपिक तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किया है। राजस्थान के सीकर में जन्म लेने वाली मोना पोलियो की बीमारी के कारण बचपन से ही चलने में असमर्थ हो गई थीं। इसके अलावा उन्हें समाज के तानों का भी खूब सामना करना पड़ा, जिससे उनकी पढ़ाई भी नहीं हो सकी। मोना ने हार न मानते हुए पैरा-शूटर बनने का फैसला किया। उन्हें इसके लिए उनकी दादी ने प्रेरित किया।

ये भी पढ़ें:- टी20 विश्व कप के बाद कप्तानी छोड़ देगी ये क्रिकेटर, खुद बताई इसके पीछे की वजह

व्हील चेयर खरीदने को नहीं थे पैसे

मोना अग्रवाल ने इसी साल पैरा निशानेबाजी विश्व कप में भी गोल्ड मेडल जीता था। इससे उनकी पेरिस पैरालंपिक गेम्स की तैयारियों पर भी खासा असर पड़ा था। उन्होंने मार्च में दिल्ली में आयोजित इस वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीत कर भारत को पैरालंपिक खेलों के लिए नौवां और अंतिम कोटा दिलाया था।

प्रायोजकों से पुरस्कार के रूप में मिली धनराशि उन्होंने राइफल खरीदने और कोरिया में खेली गई प्रतियोगिता में स्वयं के खर्चे पर जाने पर खर्च कर दी थी। इसके बाद उनके पास व्हीलचेयर खरीदने तक के लिए पैसा नहीं बचा था। उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण से वित्तीय सहायता देने का अनुरोध किया था। व्हील चेयर के लिए मोना को 6 लाख रुपये की जरूरत थी।

ये भी पढ़ें;- ICC चेयरमैन पद के चुनाव में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने जय शाह का किया समर्थन या विरोध? देखें रिपोर्ट

शादी के बाद शुरू किया खेल, कोच ने निभाई बड़ी भूमिका

मोना अग्रवाल ने अपनी शादी के बाद 2021 में शूटिंग का प्रशिक्षण लेना शुरू किया था। राजस्थान के जोथवार में स्थित अपने ससुराल से 500 मीटर की दूरी पर स्थित एकलव्य स्पोर्ट्स शूटिंग अकादमी में उन्होंने शूटिंग का प्रशिक्षण लेना शुरू किया। इस खेल को आगे बढ़ाने में आने वाले खर्चों को देखते हुए उनका रास्ता काफी कठिन था। ऐसे में कोच योगेश शेखावत ने अपनी फीस माफ करके मोना के खेल को शिखर तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई।

पति भी हैं पैरा खिलाड़ी

मोना अग्रवाल दो बच्चों की मां हैं। उनका एक बेटा है जिसका नाम अविक अग्रवाल है, जबकि बेटी का नाम आरवी अग्रवाल है। मोना के पति रविंद्र चौधरी भी पैरा-एथलीट हैं। उन्हें एक हादसे में चोट लग गई थी, जिसके कारण फिलहाल वो घर पर ही आराम कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें;- रोहित शर्मा की बढ़ी टेंशन! बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी को लेकर पूर्व दिग्गज की बड़ी भविष्यवाणी

Open in App Tags :
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो