पिता चलाते हैं दूध की डेयरी..बेटी ने पेरिस में लहरा दिया तिरंगा, जानें कौन हैं पैरालंपिक में इतिहास रचने वाली प्रीति पाल
Paris Paralympics 2024 में भारत की बेटियों ने एक ही दिन में मेडल की हैट्रिक लगा दी है। पहले शूटिंग की स्पर्धा में अवनि लेखरा और मोना अग्रवाल ने पदक जीते। वहीं, अब भारत को तीसरा पदक एथलेटिक्स में मिल गया है। ये मेडल प्रीति पाल ने अपने नाम किया है। प्रीति पाल ने एथलेटिक्स की स्पर्धा में मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने महिलाओं की 100 मीटर टी-35 स्पर्धा में 14.21 सेकंड के समय के साथ ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है। पैरा खेलों में ट्रैक इवेंट की स्पर्धा में ये भारत का पहला पदक है। भारत ने अब तक कभी भी इस स्पर्धा में मेडल नहीं जीता था।
BRONZE FOR PREETHI PAL IN 100m T35 EVENT....!!!!
- The first Track & Field medal for India in Paralympics 2024. 🔥 pic.twitter.com/999irlsnsN
— Johns. (@CricCrazyJohns) August 30, 2024
किया सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
प्रीति पाल ने 14.21 सेकंड का अपना सर्वश्रेष्ठ समय देते हुए ये दौड़ पूरी की है। हालांकि वो चीन की जिया झोउ और कियानकियान गुओ से पीछे रहीं। इस इवेंट में गोल्ड और सिल्वर मेडल चीन के नाम रहा। जबकि 23 साल की प्रीति ने पहली बार पैरालंपिक में हिस्सा लेते हुए भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता। प्रीति अभी पेरिस पैरालंपिक में 200 मीटर के इवेंट में भी भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।
कौन हैं प्रीति पाल
प्रीति पाल उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में कसेरू बक्सर की रहने वाली हैं। उनके पिता अनिल कुमार डेयरी चलाते हैं। प्रीति का संघर्ष किसी प्रेरणा से कम नहीं है। प्रीति को कम उम्र में ही सेरेब्रल पाल्सी का पता चला था और उन्हें मेरठ में इसका इलाज कराने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा था। हालांकि, इसके बावजूद दौड़ने के प्रति उनका जुनून कभी कम नहीं हुआ। इसके बाद प्रीति अपने इलाज के लिए दिल्ली पहुंचीं, जहां उन्होंने जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में कोच गजेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लेना शुरू किया।
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कैसा रहा है प्रीति पाल का करिअर
प्रीति पाल ने इसी साल मई के महीने में जापान के कोबे में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। उन्होंने महिलाओं की 135, 200 मीटर स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन करते हुए 30.49 सेकंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ ये पदक जीता था। वो विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट भी बन गईं थीं। इस उपलब्धि ने उन्हें पेरिस पैरालंपिक गेम्स का कोटा दिलाया था। जापान में अपनी जीत से पहले, प्रीति ने बेंग्लुरू में छठवीं इंडियन ओपन पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में धूम मचाते हुए 2 गोल्ड मेडल जीता था।
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