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'आखिर तक जारी रहनी चाहिए लड़ाई...', वर्ल्ड कप की जीत के जिक्र में जिंदगी का गुरुमंत्र दे गए राहुल द्रविड़

टी-20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया ने हारी हुई बाजी को पलट डाला था। राहुल द्रविड़ ने उस जीत का जिक्र करते हुए जिंदगी में सफल होने का गुरुमंत्र दे डाला है।
10:12 PM Nov 08, 2024 IST | Shubham Mishra
 आखिर तक जारी रहनी चाहिए लड़ाई      वर्ल्ड कप की जीत के जिक्र में जिंदगी का गुरुमंत्र दे गए राहुल द्रविड़
Rahul Dravid

Rahul Dravid T20 WC 2024: बारबाडोस में टी-20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल में साउथ अफ्रीका जीत की दहलीज पर खड़ी थी। प्रोटियाज चोकर्स का टैग हटाने ही वाले थे। टीम इंडिया हार की कगार पर थी। साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 30 गेंदों पर 30 रन की दरकार थी और क्रीज पर हेनरिक क्लासन और डेविड मिलर की जोड़ी खड़ी हुई थी। हार सामने देखकर भी रोहित के जांबाजों का हौसला नहीं डिगा और उन्होंने आखिर तक लड़ाई लड़ी। नतीजा यह हुआ कि भारतीय टीम ने हारी हुई बाजी को पलट दिया और दूसरी बार टी-20 वर्ल्ड चैंपियन कहलाने का तमगा हासिल कर लिया।

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अगर भारतीय खिलाड़ी उस समय साउथ अफ्रीका के सामने घुटने टेक देते, तो आज चैंपियन नहीं कहलाते। वर्ल्ड कप तक टीम इंडिया के हेड कोच रहे राहुल द्रविड़ ने भी जिंदगी में सफल होने का यही गुरुमंत्र दिया है। द्रविड़ का मानना है कि हर किसी को अंत तक लड़ाई लड़नी चाहिए और लाइफ में सफल होने का यही सबसे बड़ा गुरुमंत्र है।

द्रविड़ ने दिया गुरुमंत्र

राहुल द्रविड़ ने एक शो के दौरान टी-20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ मिली जीत का जिक्र करते हुए जिंदगी का गुरुमंत्र दे डाला। द्रविड़ ने कहा, "जब हमें साउथ अफ्रीका के खिलाफ 30 गेंदों पर 30 रन की जरूरत थी, तो किसी ने भी नहीं सोचा था कि हम इस मैच को जीत जाएंगे। वहां से जीतना काफी मुश्किल था, लेकिन टीम इंडिया ने घुटने नहीं टेके। इसी वजह से मैं हर किसी से रिक्वेस्ट करना चाहता हूं कि जिंदगी में कभी भी हार मत मानो और आखिर तक लड़ाई लड़ते रहो। हम टूर्नामेंट को जीतकर काफी ज्यादा खुश थे।"

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भारतीय टीम ने पलटी थी हारी हुई बाजी

साउथ अफ्रीका के खिलाफ फाइनल मैच में टीम इंडिया ने हारी हुई बाजी को पलट डाला था। चार ओवर में साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 26 रन की दरकार थी और हेनरिक क्लासन और डेविड मिलर की जोड़ी क्रीज पर खड़ी हुई थी। भारत की हार तय लग रही थी। मगर इसके बाद जो हुआ, वो इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में लिख उठा। 17वें ओवर की पहली ही गेंद पर हार्दिक पांड्या ने क्लासन को पवेलियन की राह दिखा दी। हार्दिक ने इस ओवर में सिर्फ 4 रन खर्च किए। इसके बाद अगले ओवर में बुमराह ने अपनी आग उगलती हुई गेंदों से कहर बरपाया और ओवर में सिर्फ 2 रन खर्च किए।

किफायती रहने के साथ-साथ बुमराह मार्को जेनसन का विकेट चटकाने में भी सफल रहे। आखिरी ओवर में जीत के लिए साउथ अफ्रीका को 16 रन की दरकार थी और डेविड मिलर क्रीज पर सेट थे। मिलर ने हार्दिक की पहली ही गेंद पर जोरदार शॉट खेला, लेकिन सिक्स के लिए जाती हुई गेंद को सूर्यकुमार यादव ने बेहतरीन फील्डिंग से कैच में तब्दील कर दिया। सूर्या ने उस दिन कैच नहीं, बल्कि टीम इंडिया के लिए वर्ल्ड कप पकड़ लिया था और भारतीय टीम 7 रन से बाजी मारने में सफल रही थी।

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