पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी, सामने आई बड़ी वजह
Robin Uthappa Arrest Warrant: टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा की मुश्किलें थोड़ी बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया है। ये खबर सामने आने के बाद क्रिकेट जगत में काफी हलचल मच गई है। उथप्पा एक समय पर टीम इंडिया के प्रमुख खिलाड़ी हुआ करते थे।
PF घोटाले का लगा आरोप
दरअसल पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा के ऊपर प्रोविडेंट फंड घोटाले का आरोप लगा है। उनके खिलाफ ये अरेस्ट वारंट क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त सदाक्षरी गोपाल रेड्डी ने जारी किया है। इसके साथ उन्होंने पुलिस को इस मामले को गंभीरता से लेने और आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है।
Former Indian cricketer Robin Uthappa in the dock as an arrest warrant has been issued against him in a case related to Provident Fund fraud. He allegedly failed to deposit Rs 23 lakh in employee accounts. #RobinUthappa #Cricket pic.twitter.com/7IS6NMX7wE
— NewsFirst Prime (@NewsFirstprime) December 21, 2024
ये भी पढ़ें:- पृथ्वी शॉ का ‘अटूट’ रिकॉर्ड, रोहित-विराट भी नहीं कर पाए ये बड़ा कारनामा
इस कंपनी का मैनेजमेंट देख रहे थे उथप्पा
रॉबिन उथप्पा सेंचुरीज लाइफस्टाइल ब्रांड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का मैनेजमेंट देख रहे थे। अब रॉबिन पर आरोप लगा कि, उन्होंने कंपनी के कर्मचारियों के वेतन से पीएफ काटा और उसको बाद में उनके अकाउंट में भी ऐड नहीं किया। रिपोर्ट के मुताबिक ये पूरा घोटाला 23 लाख रुपये का बताया जा रहा है।
where is the PF amount of Rs.23 Lakhs, Robin Uthappa you are a BIG FRAUD. In new Channels showing. answer it https://t.co/43gpcOWqNq
— Arun (@A555235) December 21, 2024
पुलकेशिनगर पुलिस को एक पत्र लिखकर आयुक्त गोपाल रेड्डी ने इस वारंट को अंजाम देने की बात कही है। वहीं दूसरी तरफ उथप्पा ने अपना निवास स्थान बदल लिया है, जिसके चलते पुलिस को ये वारंट पीएफ कार्यालय को वापस करना पड़ा है। जिसके बाद पुलिस और पीएफ विभाग पूर्व क्रिकेटर के निवास स्थान का पता चलाने की जांच कर रहे हैं। मामला कर्मचारियों की सुरक्षा से जुड़ा होने के चलते इसको गंभीर रूप से देखा जा रहा है। फिलहाल पुलिस और पीएफ विभाग दोनों मिलकर इसकी जांच कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें:- IND vs AUS: मेलबर्न की पिच की तस्वीर आई सामने, गेंदबाजों को मिलेगी मदद या बल्लेबाजों की होगी चांदी?