IND vs AUS: कहां हुई चूक, कैसे हाथ से फिसल गई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी, सौरव गांगुली ने बताई बड़ी वजह
Sourav Ganguly IND vs AUS: ऑस्ट्रेलिया की धरती पर टीम इंडिया को शर्मसार होना पड़ा। लगातार तीसरी बार कंगारू सरजमीं पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को जीतने का सपना चकनाचूर हो गया। पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया ने 3-1 से रौंद डाला। हार के बाद टीम के प्रदर्शन पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। फैन्स रोहित शर्मा और विराट कोहली को जमकर खरी-खोटी सुना रहे हैं, तो कुछ पूर्व दिग्गज प्लेयर्स का मानना है कि बुमराह को दूसरे छोर से साथ ना मिल पाना भी हार का बड़ा कारण रहा। भारतीय टीम के घटिया प्रदर्शन को लेकर सौरव गांगुली का भी बयान सामने आया है। दादा ने ऑस्ट्रेलिया में मिली शर्मनाक हार का ठीकरा बल्लेबाजों के सिर ठोका है।
हार के लिए कौन जिम्मेदार?
सौरव गांगुली ने इंडिया टुडे के साथ बातचीत करते हुए ऑस्ट्रेलिया में मिली हार के लिए बल्लेबाजों को जिम्मेदार ठहराया। दादा ने कहा, "हमने अच्छी बल्लेबाजी नहीं की। हमको टेस्ट क्रिकेट में बेहतर बैटिंग करनी होगी। अगर आप अच्छी बल्लेबाजी नहीं करेंगे, तो आप टेस्ट मैच नहीं जीत सकते हैं। आप 170, 180 रन बनाकर टेस्ट मैचों को नहीं जीत सकते हैं। आपको 350 से 400 रन तो बनाने ही होंगे।"
Virat Kohli in 2024
TEST Avg - 25.06
ODI Avg - 19.33
T20I Avg - 18.00 #INDvsAUS pic.twitter.com/cijuwIDvUK— 𝐎𝐱𝐲𝐠𝐞𝐧 (@IM_oxygen45) December 16, 2024
गौरतलब है कि भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन पूरी सीरीज में बेहद शर्मनाक रहा। खासतौर पर पहली पारी में इंडियन बैटर्स ने कंगारू तेज गेंदबाजों के आगे बेहद आसानी से घुटने टेक दिए, जिसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा।
बल्लेबाजों का रहा बुरा हाल
बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों ने अपने प्रदर्शन से खासा निराश किया। कप्तान रोहित शर्मा 5 पारियों में 6 की मामूली औसत से सिर्फ 31 रन बनाए। वहीं, कंगारू धरती पर टीम इंडिया के रन मशीन कहे जाने वाले विराट कोहली 9 पारियां खेलने के बाद कुल 190 रन ही बना सके। एक शतक को छोड़कर विराट के बल्ले से कोई भी बड़ी पारी देखने को नहीं मिली। पहले दो टेस्ट मैचों में अच्छी लय में नजर आने वाले केएल राहुल की फॉर्म सीरीज आगे बढ़ते-बढ़ते गिरती चली गई। ऋषभ पंत ने कुछ दमदार इनिंग्स तो खेलीं, लेकिन वह अच्छी शुरुआत का फायदा उठाने में हर बार नाकाम रहे। रविंद्र जडेजा भी बल्ले से अपनी काबिलियत दिखाने में पूरी तरह से फेल रहे। यशस्वी जायसवाल इकलौते बल्लेबाज रहे, जो इस सीरीज में कुछ हद तक लय में दिखाई दिए।