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बिहार के खेल विकास की मनसुख मांडविया ने की जमकर तारीफ, बोले- प्रदेश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं

Mansukh Mandaviya: बिहार दौरे पर गए खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि उन्हें बिहार के विकास को देख कर बेहद खुशी है। उन्होंने कहा कि सही मार्गदर्शन मिलने पर यहां के खिलाड़ी सफलता के किसी मुकाम को हासिल करने में सक्षम हैं।
07:05 PM Nov 21, 2024 IST | Mohan Kumar
बिहार के खेल विकास की मनसुख मांडविया ने की जमकर तारीफ  बोले  प्रदेश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं
Mansukh Mandaviya

अमिताभ ओझा, पटना

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गुरुवार को बिहार राज्य खेल प्राधिकरण और खेल विभाग द्वारा आयोजित ' ग्रासरूट्स टू ग्लोरी- बिहार स्पोर्टिंग जर्नी ' विषय पर परिचर्चा में भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ.मनसुख मांडविया ने अध्यक्षता की। अपने संबोधन में मांडविया ने उपस्थित लोगों का अभिनंदन करते हुए कहा कि वे दो दिन से बिहार में हैं और खेल के क्षेत्र में बिहार के विकास को देख कर उन्हें बहुत खुशी है। बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बस उन्हें समुचित ट्रेनिंग के साथ सही मार्गदर्शन मिलने पर बिहार के खिलाड़ी सफलता के किसी मुकाम को हासिल करने में सक्षम हैं।

उन्होंने आगे कहा, 'खेल में या किसी क्षेत्र में सफलता के लिए लक्ष्य तय करना पड़ता है, फिर उस लक्ष्य पर एकाग्रचित होकर समुचित प्रशिक्षण और मेहनत के साथ आगे बढ़ना पड़ता है। इसी के दम पर सफलता हासिल होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक देश को विकसित देश में शामिल करने का लक्ष्य रखा है और उसी दिशा में तेजी से काम भी हो रहा है। देश का असल विकास तभी सम्भव है जब सभी क्षेत्र में समान रूप से सर्वांगीण विकास हो। खेल के क्षेत्र में विकास देश के विकास को प्रतिबिम्बित करता है इसलिए खेल के विकास के लिए देश में नई खेल नीति बनाई जा रही है, जिसके लिए सभी संबंद्ध प्रबुद्धजनों से विचार भी आमंत्रित किए गए हैं। जब तक बुनियादी स्तर पर खेल का विकास नहीं होगा खेल और खिलाड़ियों का संपूर्ण विकास और बेहतर प्रदर्शन नहीं हो सकता।'

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सबका सहयोग करना जरूरी है- खेल मंत्री

उन्होंने कहा, 'देश में खेलो इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से स्कूल स्तर की प्रतिभा का चयन किया जाता है जिन्हें प्रशिक्षित कर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं के लिए तैयार किया जाता है। हमारा लक्ष्य है कि 2036 तक भारत खेल के क्षेत्र में भी दुनिया के 1 से 10 देशों के अंदर रहे और 2047 तक दुनिया में 1 से 5 देशों के अंदर स्थान प्राप्त करे और इसी को ध्यान में रख कर केन्द्र और राज्यों की खेल नीति बनाई जा रही है। खेल और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार, केंद्र सरकार ,खेल संघों, खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों का एक साथ मिलकर कर बिना विवाद के काम और सहयोग करना जरूरी है। कॉर्पोरेट सेक्टर और पब्लिक सेक्टर के प्रतिष्ठानों को भी आगे आकर खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए समान रूप से काम करना जरूरी है।'

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उन्होंने आगे कहा, 'जितना अच्छे खिलाड़ी की आवश्यकता होती है प्रतिस्पर्धा जीतने के लिए, उतनी ही जरूरत अच्छे प्रशिक्षकों की भी है। तभी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार हो पाएंगे। इसके लिए जरूरी है प्रशिक्षकों के स्तर को भी सुधारना और इसके लिए प्रशिक्षण के लिए उन्हें विदेशों में भी भेजने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाती है और जरूरत पड़ने पर विदेशों से प्रतिष्ठित प्रशिक्षकों को देश में बुला कर भी खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाता है। जब कोई खिलाड़ी देश या राज्य के लिए पदक जीतता है तो सिर्फ खिलाड़ी नहीं जीतता बल्कि उसके साथ राज्य और देश जीतता है।

कार्यक्रम के प्रारंभ में बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवीन्द्रण शंकरण ने सभी उपस्थिति लोगों का अभिनंदन करते हुए बिहार में खेल के क्षेत्र में हो रहे विकास और भावी योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बिहार में बुनियादी स्तर पर खेल के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य के हर पंचायत में खेल क्लब खोले जा रहे हैं। देश की सबसे बड़ी खेल प्रतिभा खोज प्रतियोगिता मशाल का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें राज्य के करीब 40 हजार सरकारी स्कूल के 60 लाख से अधिक बच्चे और बच्चियां शामिल होंगे।

छात्रों को मिलेगी छात्रवृत्ति-  रवीन्द्रण शंकरण

इसमें से सफल बच्चों को सरकार की खेल छात्रवृत्ति की प्रेरणा योजना के अन्तर्गत छात्रवृत्ति दी जाएगी और आगे राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय की प्रतियोगिताओं के लिए प्रशिक्षित कर तैयार किया जाएगा। हमारा लक्ष्य आगामी ओलंपिक में देश के लिए मेडल जीतना है और इसके लिए अभी से ही प्रतिभा का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित करना पड़ेगा। आगे शंकरण ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी देश में ई स्पोर्ट्स के विस्तार और विकास के लिए काफी इच्छुक और प्रयासरत हैं।

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उन्होंने कहा, 'हमें यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि बिहार देश का पहला राज्य है जहां ई स्पोर्ट्स प्रतियोगिता का आयोजन राज्य स्तर पर किया गया। सरकार और खेल विभाग के संपूर्ण सहयोग और प्रयास से बिहार राज्य खेल प्राधिकरण राज्य में खेल और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहा है। गौरतलब है केन्द्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कल 20 नवंबर को संपन्न हुए बिहार विमेंस एशियन ट्रॉफी 2024 के फाइनल मैच के मुख्य अतिथि के रूप में विजेता टीमों को ट्रॉफी और मेडल भी वितरित किया और खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया।

भारतीय टीम की विजेता खिलाडियों को बधाई देते हुए उन्होंने इस एशियन ट्रॉफी के सफलता पूर्वक आयोजन के लिए बिहार सरकार और बिहार राज्य खेल प्राधिकरण की प्रशंसा करते हुए बधाई दी। इतने बड़े अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजन को सफलतापूर्वक आयोजित कर बिहार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने खेल गौरव को स्थापित कर लिया है। आज सुबह 7 बजे मरीन ड्राइव, पटना में बिहार के युवा प्रतिभावान साइक्लिंग के खिलाड़ियों के साथ साइक्लिंग कर मंत्री जी ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण में चल रहे खेलो इंडिया के स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और खेलो इंडिया स्माल सेंटर का भी केन्द्रीय मंत्री ने निरीक्षण किया और वहां की बेहतर व्यवस्था को देखकर संतोष व्यक्त किया।

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'सेपक टकरा में बिहार अच्छा कर रहा'

खेल प्राधिकरण के महानिदेशक शंकरण ने मंत्री जी बताया कि सेपक टकरा खेल में बिहार राष्ट्रीय स्तर पर काफी अच्छा कर रहा है और कई खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भी चयनित हुए हैं। बिहार के सेपक टाकरा खिलाड़ियों ने मंत्री के सामने खेल का प्रदर्शन भी किया जिसे उन्होंने बहुत उत्साहित होकर देखा और खिलाड़ियों को भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए प्रोत्साहित किया। आज बापू टावर में आयोजित परिचर्चा में खेल विभाग के प्रधान सचिव डॉ.बी.राजेंदर ने मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया।

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