बात-बात पर बम-बंदूक चलाने वाले तालिबान ने आखिर क्यों MMA को किया बैन, फरमान सुनकर पकड़ लेंगे माथा
Taliban Ban MMA: अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार ने एक फरमान जारी किया है। जिसे पढ़ने के बाद आप भी अपना माथा पकड़ सकते हैं। तालिबान के हिंसक इतिहास से तो हर कोई वाकिफ है। बम और बंदूक के दम पर ही उसने 2021 में जनता द्वारा चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंका और सत्ता पर काबिज हो गए। अब तालिबान सरकार ने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स (MMA) को यह तर्क देते हुए बैन कर दिया है कि यह शरिया कानून के मुताबिक नहीं है और बहुत ज्यादा हिंसक है।
जान जाने का खतरा
तालिबान स्पोर्ट्स अथॉरिटी के अधिकारी ने टोलो न्यूज से बात करते हुए कहा कि MMA बहुत ही हिंसक है और इसमें जान जाने का खतरा है। यह फरमान अफगानिस्तान की मोरल पुलिस ने सुनाया है, जो तालिबान सरकार के तहत काम करती है। दरअसल तालिबान सरकार ने यह जांच शुरू की थी कि उनके देश में खेल शरिया कानून के तहत खेले जा रहे हैं या नहीं। बीबीसी ने एएफपी के हवाले से सरकार का आधिकारिक फरमान छापा है। तालिबान में फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स के महानिदेशक ने कहा है कि हमने पाया है कि खेल में शरिया कानूनों का पालन नहीं किया गया और कई मायनों में यह इस्लाम की सीख का उल्लंघन करता है। इस वजह से यह फैसला लिया गया है।
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अफगानिस्तान में काफी पॉपुलर
MMA अफगानिस्तान के युवाओं का पॉपुलर खेल है और पिछले दो दशकों से यहां इस खेल को लेकर अच्छा खासा फैन बेस बन गया है। मगर तालिबान के सत्ता में आने के बाद से इस खेल के लिए दिक्कतें होने लगी हैं। Mixed Martial Arts Federation का गठन साल 2008 में हुआ था। इसने काफी सफलता और लोकप्रियता भी हासिल की। लेकिन तालिबान के आने के बाद से इसके बुरे दिन शुरू हो गए। तालिबान ने चेहरे पर मुक्का मारने को बैन कर दिया।
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फाइटर्स को किया जा रहा परेशान
MMA के कई फाइटर्स ने अपने इंटरव्यू में यह कबूल किया कि तालिबान अधिकारी उन्हें धमकाते हैं और उन्हें परेशान करते हैं। हालांकि कई बार सरकार ने इस मामले में रुख थोड़ा नरम किया था। साल 2022 में अहमद अली होतक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस अगली फाइट की घोषणा की और रूस में जाकर जीत दर्ज की। लौटकर वह सरकारी अधिकारियों से मिले और उनके साथ तस्वीरें खिंचाई। हालांकि अधिकतर खिलाड़ियों ने MMA के बैन की घोषणा से पहले ही देश छोड़ दिया है। MMA को हालांकि इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी ने मान्यता नहीं दी है। लेकिन पेरिस ओलंपिक में अफगानिस्तान के 11 में से 4 खिलाड़ियों ने अपने देश या रिफ्यूजी टीम के झंडे तले हिस्सा लिया था। हालांकि वह दूसरे खेलों में उतरे थे।
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