गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है क्रिकेट का सबसे लंबा टेस्ट, 12 दिन में भी नहीं निकला नतीजा
Timeless Test: क्रिकेट के सबसे बड़े फॉर्मेट टेस्ट की कहानी काफी पुरानी है। बेशक आज के जमाने में टी-20 और वनडे क्रिकेट का बोलबाला है, लेकिन दिग्गज क्रिकेटर्स आज भी टेस्ट क्रिकेट को ही असली क्रिकेट मानते हैं। मौजूदा समय में टेस्ट मैच अधिकतम पांच दिनों तक खेला जा सकता है। आज हम बात करेंगे क्रिकेट के सबसे लंबे मैच की, जो 12 दिनों तक खेला गया था। खास बात यह है कि इस मैच को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी जगह मिली थी। इस टेस्ट को टाइमलेस टेस्ट (Timeless Test) नाम दिया गया था। इस टेस्ट की खासियत यह भी है कि इसमें दो दिन रेस्ट-डे के भी शामिल थे।
12 दिन तक चला मैच
यह मैच 1939 में दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच डरबन में खेला गया था। मैच की शुरुआत तीन मार्च को हुई और यह 14 मार्च तक जारी रहा। 11 और 12 तारीख को बारिश के कारण मैच नहीं हो पाया था। 14 मार्च की शाम को इंग्लैंड जीत से 42 रन दूर था, लेकिन अंपायरों ने मैच को ड्रॉ घोषित कर दिया गया। ऐसा इसलिए था क्योंकि उस दिन इंग्लैंड की टीम को दो दिन ट्रैवल करके केपटाउन पहुंचना था, जहां वापसी के लिए उसका पानी का जहाज इंतजार कर रहा था। ऐसी सूरत में वो और देर नहीं कर सकते थे, जिसके वजह से इस मैच को ड्रॉ घोषित कर दिया गया। इस मैच में कुल 680 ओवर डाले गए।
कैसा रहा मैच का हाल
मैच में साउथ अफ्रीका ने पहले खेलते हुए 530 रन बनाए। टीम के लिए पीटर वेन डर और डूडली नर्स ने शतकीय पारी खेली। इसके बाद इंग्लैंड की पारी की बारी आई, जहां टीम ने लेस एम्स की 84 रनों की पारी के दम पर 316 रन बनाए। पहली पारी के आधार पर साउथ अफ्रीका को 214 रनों की मजबूत लीड हासिल हुई। साउथ अफ्रीका ने अपनी शानदार बल्लेबाजी दूसरी पारी में जारी रखी और 481 रन बनाए। टीम की तरफ से इस बार एलन मेलविल ने 103 रन बनाए।
इस तरह इंग्लैंड को 696 रनों की भारी-भरकम टारगेट मिला। दूसरी पारी में इंग्लैंड की टीम एक अलग ही जोन में नजर आ रही थी। टीम के लिए पॉल गिल और वॉली हैमंड ने शतकीय पारी खेली, जबकि बिल एडरिच के बल्ले से दोहरा शतक निकला।