महज सपना ही बनकर रह गया T20 World Cup! खाली हाथ लौटेंगी देश की बेटियां, इन 3 वजह से हुईं बाहर
टी-20 वर्ल्ड चैंपियन कहलाने का सपना एक बार फिर साकार नहीं हो सका। हरमनप्रीत एंड कंपनी ने करोड़ों भारतीय फैन्स का दिल एक बार फिर तोड़ दिया। यूएई में खेले जा रहे टूर्नामेंट में टीम इंडिया सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुंच सकी। ग्रुप स्टेज में पहले न्यूजीलैंड और फिर ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली हार के साथ हरमन की सेना का सफर समाप्त हो गया। न्यूजीलैंड के खिलाफ पाकिस्तान से भारतीय टीम को उम्मीदें थीं, लेकिन पड़ोसी मुल्क की बेटियां भी इंडियन टीम के लिए चमत्कार नहीं कर सकीं। भारतीय टीम का प्रदर्शन पूरे टूर्नामेंट में बेहद खराब रहा। स्टार प्लेयर्स से सजी टीम विश्व कप में औंधे मुंह गिरी। आइए आपको बताते हैं किन तीन कारणों के चलते एक बार फिर टूटा टीम इंडिया का दुनिया जीतने का सपना।
1. स्टार बैटर्स रहीं फ्लॉप
भारतीय टीम की स्टार बैटर्स अपने नाम के अनुरूप प्रदर्शन करने में नाकाम रहीं। स्मृति मंधाना का बल्ला अहम मैचों में पूरी तरह से खामोश रहा। मंधाना ना तो न्यूजीलैंड और ना ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कुछ खास कमाल दिखा सकीं। यही हाल शेफाली वर्मा का भी रहा। जेमिमा रोड्रिग्स से टीम मैनेजमेंट और फैन्स को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन वह भी उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकीं। निचेल क्रम में ऋचा घोष भी बल्ले से धमाल मचाने में नाकाम रहीं, जिसका खामियाजा टीम इंडिया को भुगतना पड़ा। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कुछ अच्छी पारियां खेलीं, पर वह टीम की तकदीर को अकेले पलट नहीं सकीं।
New Zealand seal semi-final spot with a thumping win over Pakistan 🇳🇿👌#WhateverItTakes #PAKvNZ
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— ICC (@ICC) October 14, 2024
2. ले डूबी मैदान पर खराब फील्डिंग
भारतीय टीम की टी-20 वर्ल्ड कप 2024 में फील्डिंग भी बेहद साधारण रही। न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम की फील्डर्स ने कई कैच टपकाए और ग्राउंड फील्डिंग भी बेहद खराब रही। पाकिस्तान और फिर ऑस्ट्रेलिया के भी टीम का यही हाल रहा। कंगारू टीम के खिलाफ शुरुआत में दबाव बनाने के बावजूद भारतीय टीम खराब फील्डिंग की वजह से उस प्रेशर को कायम रखने में असफल रही, जिसका पूरा फायदा कंगारू बैटर ने उठाया।
3. हरमनप्रीत की खराब कप्तानी
टी-20 वर्ल्ड कप 2024 में हरमनप्रीत कौर की कप्तानी भी काफी खराब रही। वह सही समय पर बॉलिंग में बदलाव नहीं कर सकीं, जिसके चलते भारतीय टीम विपक्षी बल्लेबाजों पर दबाव बनाने में नाकाम रही। इसके साथ ही पूरे टूर्नामेंट में डीआरएस लेने के मामले में हरमन बुरी तरह से फ्लॉप रहीं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अहम मैच में हरमनप्रीत ने दोनों ही डीआरएस को खराब किया, जिसका खामियाजा टीम इंडिया को भुगतना पड़ा। बल्लेबाजी में भी कप्तान हरमनप्रीत ने अपनी और जेमिमा रोड्रिग्स की पोजीशन में हर मैच के हिसाब से बदलाव किया, जो भारतीय टीम के खिलाफ गया।