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CAS में विनेश फोगाट की अपील खारिज होने के बाद अब ये रास्ता, मेडल की उम्मीदें जिंदा!

Vinesh Phogat CAS Decision: कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने विनेश फोगाट की अपील को खारिज कर दिया है। इससे उम्मीदों को झटका जरूर लगा है, लेकिन रास्ते पूरी तरह से बंद नहीं हुए हैं।
09:57 PM Aug 14, 2024 IST | Pushpendra Sharma
Vinesh Phogat
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Vinesh Phogat CAS Decision: भारत की स्टार रेसलर विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक के फाइनल से पहले अयोग्य करार दिए जाने के मामले को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में उठाया था। उन्होंने सिल्वर मेडल देने की मांग की थी। सीएएस ने बुधवार को विनेश की अपील को खारिज कर करोड़ों भारतीय उम्मीदों को बड़ा झटका दे दिया। पहले कहा जा रहा था कि विनेश के मामले पर 16 अगस्त को फैसला आ सकता है, लेकिन CAS ने अचानक विनेश की अपील को खारिज कर दिया। अब सवाल ये कि विनेश फोगाट के पास अपील खारिज होने के बाद क्या रास्ता बचा है?

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फैसले के खिलाफ कर सकती हैं अपील

जानकारी के अनुसार, विनेश के पास CAS में अपील खारिज होने के बावजूद एक रास्ता है। विनेश अब सीएएस में ही इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकती हैं। जिस पर दोबारा सुनवाई हो सकती है। एक अपील के जरिए ये मामला फिर से उठाया जा सकता है।

देश के टॉप वकील लड़ रहे हैं केस

बता दें कि CAS में विनेश फोगाट केस की पैरवी देश के टॉप वकील हरीश साल्वे और विदुष्पत सिंघानिया कर रहे हैं। उन्होंने पिछले दिनों कोर्ट में विनेश फोगाट का पक्ष भी रखा था। पहले इस मामले पर 11 अगस्त को निर्णय आना था, लेकिन बाद में इसे 13 अगस्त, फिर 16 अगस्त कर दिया गया। विनेश ने अपने केस में यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) और इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) के फैसलों के खिलाफ अपील की थी। इस मामले में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने किया। वकीलों ने अदालत में तर्क दिया था कि विनेश का वजन फाइनल से पहले 50 किग्रा से कम था, लेकिन नेचुरल रिकवरी प्रॉसेस के चलते इसमें 100 ग्राम की बढ़ोतरी हो गई। विनेश ने खेल के नियमों को नहीं तोड़ा है और न ही कोई धोखाधड़ी की है। अपने शरीर की देखभाल करना भी हर एथलीट का मौलिक अधिकार है।

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CAS ने इस खिलाड़ी को दिलवाया मेडल 

बता दें कि सीएएस ने इससे पहले एक एथलीट को उसका मेडल दिलाकर विनेश की उम्मीदें जिंदा की थीं। सीएएस ने रोमानिया की एथलीट एना बारबोसु के पक्ष में फैसला दिया था। बारबोसु की अपील पर उन्हें दोबारा ब्रॉन्ज मेडल दिया गया। हालांकि विनेश और बारबोसु का केस अलग-अलग है। विनेश के मामले में रेसलिंग की शीर्ष संस्था UWW ने नियमों का पालन किया था। इससे पहले UWW ने विनेश के केस में कहा था कि सब नियमों के तहत ही हुआ है। ऐसे में वे इस मामले में कुछ नहीं कर सकते।

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क्या है पूरा मामला? 

विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में 50 किग्रा फ्री स्टाइल कुश्ती के फाइनल से पहले 100 ग्राम वजन ज्यादा होने की वजह से अयोग्य करार दे दिया गया था। इस वजह से वह फाइनल नहीं खेल पाईं। विनेश फाइनल खेलतीं तो गोल्ड भी जीत सकती थीं, वर्ना उन्हें कम से कम सिल्वर मेडल तो मिल जाता, लेकिन अयोग्य घोषित होने के बाद उनका मेडल जीतने का सपना टूट गया। विनेश ने इस मामले के एक दिन बाद संन्यास का भी ऐलान कर दिया था। विनेश के बाहर होने के बाद क्यूबा की रेसलर युस्नेलिस गुजमान लोपेज को फाइनल खेलने का मौका मिला। जिसमें उन्हें हार के बाद सिल्वर मिला। विनेश ने लोपेज के साथ संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल देने की मांग की थी। रेसलर 17 अगस्त को दिल्ली लौट रही हैं।

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