विनेश फोगाट की अपील खारिज होने से लगा बड़ा झटका, IOA का बयान आया सामने, क्या बरकरार रहेगी पदक की उम्मीद?
Vinesh Phogat Case IOA Statement: भारतीय रेसलर विनेश फोगाट की कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में सिल्वर मेडल दिए जाने की अपील खारिज कर दी गई है। बुधवार को अचानक आए इस फैसले से देश की उम्मीदों को झटका लगा है। इससे पहले CAS ने अपना निर्णय तीसरी बार टालकर 16 अगस्त की तारीख दी थी, लेकिन अचानक इस मामले में अपना फैसला सुनाकर देशवासियों को हैरान कर दिया।
कानूनी विकल्पों की तलाश
विनेश फोगाट की अपील खारिज होने के बाद अब इस मामले में भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) का बयान सामने आया है। आईओए की अध्यक्ष पीटी उषा ने विनेश फोगाट की अपील को खारिज करने पर निराशा जताई। आईओए ने एक बयान में कहा है कि वे पहलवान के समर्थन में हैं और आगे के कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। आईओए ने CAS के निर्णय के बाद विनेश के मामले पर जांच की मांग की।
#BreakingNews | Vinesh’s petition dismissed by the international court
The Indian Olympic Association (IOA) President Dr PT Usha has expressed her shock and disappointment at the decision of the Sole Arbitrator at the Court of Arbitration for Sport (CAS) to dismiss wrestler… pic.twitter.com/ThDmsSuBmb
— DD News (@DDNewslive) August 14, 2024
IOA ने जारी किया ये बयान
आईओए ने एक बयान में कहा- CAS के फैसले के बाद IOA विनेश फोगाट के समर्थन में खड़ा है। संघ आगे के कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है। आईओए खेलों में न्याय और निष्पक्षता की वकालत करना जारी रखेगा। आईओए ने कहा कि वह एथलीटों और खेल जगत में सभी के अधिकार और सम्मान को हर समय बरकरार रखना चाहता है। हम अपने हितधारकों, एथलीटों और जनता के निरंतर समर्थन और समझ की सराहना करते हैं।
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महज 100 ग्राम से चूक गईं विनेश
आपको बता दें कि विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में 50 किग्रा भार वर्ग कुश्ती के फाइनल से पहले अयोग्य करार दे दिया गया था। जिससे उनका मेडल जीतने का सपना टूट गया। विनेश का वजन 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा आया था। इसके बाद विनेश ने यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) से भी दखल देने की मांग की थी, लेकिन रेसलिंग की शीर्ष संस्था ने यह कहते हुए अपील खारिज कर दी थी कि सब नियमानुसार ही हुआ है। फिर विनेश ने ये मामला CAS में उठाया था। जिस पर भारतीय ओलंपिक संघ ने विनेश की पैरवी के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और विदुष्पत सिंघानिया को नियुक्त किया था।
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