विनेश फोगाट की दिल्ली में हुई जीत! हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला, IOA को मिली WFI की 'कमान'
Vinesh Phogat Delhi High Court: पेरिस ओलंपिक के फाइनल से पहले भारतीय रेसलर विनेश फोगाट को अयोग्य करार दे दिया गया। इसके बाद वह मेडल हासिल नहीं कर सकीं। विनेश ने इस मामले को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में उठाकर सिल्वर मेडल देने की मांग की थी। हालांकि सीएएस ने विनेश की अपील खारिज कर दी है। अब भले ही विनेश को 'सिस्टम' के आगे हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन एक मामले में उनकी जीत हुई है। दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) का काम देखने की जिम्मेदारी इंडियन ओलंपिक संघ (IOA) की एडहॉक कमेटी को देने पर सहमत हो गया है।
पहलवानों ने खटखटाया था हाई कोर्ट का दरवाजा
बता दें कि विनेश फोगाट के साथ ही पहलवान बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के खिलाफ याचिका लगाकर दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पहलवानों ने अपील की थी कि WFI पर लगाए गए बैन को नहीं हटाया जाए। साथ ही पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट के किसी रिटायर जज को प्रबंधन का काम सौंपने की अपील की थी। इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एडहॉक कमेटी को रिस्टोर किया है। यानी अब WFI का काम चुने हुए अधिकारियों के बजाय तदर्थ समिति देखेगी।
IOA एडहॉक कमेटी गठित कर सकता है
हालांकि आईओए को तदर्थ समिति का पुनर्गठन करने की छूट दी जाएगी। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा- "मैंने इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) की ओर से तदर्थ समिति को बहाल करने का निर्देश दिया है। आईओए के लिए समिति का पुनर्गठन करना स्वतंत्र होगा।'' उन्होंने आगे कहा- IOA एक बार फिर रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के कामकाज के लिए एडहॉक कमेटी गठित कर सकता है।
🚨 Delhi High Court Passes an Order to stop the WFI’s functioning and prevent it from undertaking any activity as a national federation for the sport.
WFI President Sanjay Singh To challenge the High Court order. He said "Indian wrestlers’ participation could be blocked". pic.twitter.com/Xxx8e4WG03
— Sports with naveen (@sportswnaveen) August 16, 2024
भंग कर दी गई थी कमेटी
आपको बता दें कि 18 मार्च को आईओए ने महासंघ पर निलंबन हटाने और चयन ट्रायल के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद कुश्ती के लिए बनाई गई एडहॉक कमेटी को भंग कर दिया था। हालांकि ऐसा अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के निर्देश पर किया गया था। गौरतलब है कि पहलवानों ने पिछले साल रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना दिया था। पहलवानों ने उन पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। इसके बाद हुए चुनावों में संजय सिंह WFI के अध्यक्ष चुने गए थे। हालांकि खेल मंत्रालय ने इस कमेटी पर बैन लगा दिया था।
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क्या है पूरा मामला?
दरअसल, पेरिस ओलिंपिक से पहले मार्च में इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) की ओर से अपनी एडहॉक कमेटी भंग कर दी गई थी। ऐसा ने इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी के दबाव में किया गया था। जबकि इससे पहले फरवरी में यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) से सस्पेंशन हटने के बाद WFI ने UWW से एक शिकायत की थी। जिसमें उसने कहा था कि IOA की ओर से बनाई गई एडहॉक कमेटी उसे काम नहीं करने दे रही है। ऐसे में UWW के निर्देश के बाद IOA को तत्काल प्रभाव से एडहॉक कमेटी भंग करने के निर्देश दिए थे। अब कोर्ट ने IOA को एक बार फिर एडहॉक कमेटी गठित करने की छूट दी है।
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