Who Is Akshay Wadkar: जानिए कौन हैं विदर्भ के कप्तान अक्षय वाडकर, फाइनल में ठोका शतक; MS धोनी को मानते हैं आदर्श
Who Is Akshay Wadkar: मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में रणजी ट्रॉफी 2024 का फाइनल मुकाबला खेला गया। इस निर्णायक मैच में मुंबई ने विदर्भ को 169 रन से हराकर 42वीं बार खिताब पर कब्जा जमाया। दूसरी ओर विदर्भ का तीसरी बार चैंपियन बनने का सपना टूट गया। मुकाबले के आखिरी दिन विदर्भ के कप्तान अक्षय वाडकर ने शतक लगाया। उन्होंने 199 गेंदों पर 102 रन की पारी खेली। इस दौरान उनके बल्ले से 9 चौके और 1 छक्का लगा। उन्होंने हर्ष दुबे के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 130 रन जोड़े। तनुश कोटियन ने इस पार्टनरशिप को तोड़ा और अक्षय को LBW आउट किया।
नागपुर में हुआ था जन्म
अक्षय का जन्म 9 जुलाई, 1994 को नागपुर में हुआ था। 29 साल के वाडकर ने 50 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 49.77 की औसत से 3036 रन बनाए हैं। इस दौरान अक्षय ने 8 शतक और 17 अर्धशतक लगाए हैं। 47 लिस्ट A मैच की 39 पारियों में उन्होंने 1104 रन बनाए हैं। इस दौरान उनकी औसत 35.61 की और स्ट्राइक रेट 74.49 की रही है। इस प्रारूप में उन्होंने 5 फिफ्टी ठोकी हैं। साथ ही 28 टी20 मुकाबलों में उन्होंने 570 रन बनाए हैं। इस फॉर्मेट में उन्होंने 2 अर्धशतक ठोके हैं।
धोनी को मानते हैं आदर्श
विकेटकीपर बल्लेबाज अक्षय वाडकर पूर्व भारतीय कप्तान MS धोनी को अपना आदर्श मानते हैं। उन्होंने 29 फरवरी को महेंद्र सिंह धोनी से मुलाकात की थी। इसके बार उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था, "वन्स इन ए लाइफ टाइम मोमेंट विथ MS धोनी। 29.01.2024. फीलिंग ब्लेस्ड। दिल खुश हो गया।"
दूसरे सीजन में शानदार प्रदर्शन किया
विजय हजारे ट्रॉफी 2012-13 में वाडकर ने विदर्भ के लिए अपना पेशेवर डेब्यू किया था। उन्होंने 2017-18 में प्रथम श्रेणी में डेब्यू किया। अपने पहले रणजी सीजन में, वाडकर ने 61.60 की औसत से 308 रन बनाए थे। वाडकर का दूसरा सीजन शानदार रहा और उन्होंने केवल 11 मैचों में 60.41 की औसत से 725 रन बनाए। उन्होंने उस सीरीज में 3 शतक और 2 अर्धशतक भी लगाए। वाडकर के पहले दो सीजन में विदर्भ ने रणजी खिताब जीते।
साहा से सीखी विकेटकीपिंग स्किल
वाडकर ने ऋद्धिमान साहा से विकेटकीपिंग स्किल सीखी हैं। वाडकर ने स्पोर्टस्टार से बातचीत में कहा था, "मैं ऋद्धिमान साहा को फॉलो करता हूं। स्टंप के पीछे उनका रवैया शानदार है। वह कीपिंग करते समय काफी मूव करते हैं। वह बहुत अच्छी डाइव लगाते हैं। एक खिलाड़ी खेल के दौरान चोटों के बारे में नहीं सोचता, इसलिए मैंने भी इसके बारे में कभी नहीं सोचा। उनकी कीपिंग स्किल से मुझे यह आभास होता है कि यदि आपने अभ्यास में 100 बार डाइव लगाई है, तो खेल में इसे दो बार करना कोई समस्या नहीं है।"