लॉकर रूम में होता था यौन उत्पीड़न, जूते में रख दिए गए थे ब्लेड, अब नन बन गई है ये टेनिस स्टार
Andrea Jaeger: जब आप के रक्षक ही भक्षक बन जाए तो आप राजाओं जैसी जिंदगी भी नरक लगने लगती है। आप के पैसे का कोई मोल नहीं रह जाता है। आप इसे बाहर निकलने के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार होते हैं। टेनिस की स्टार खिलाड़ी एंड्रिया जैगर के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। एक समय उन्होंने टीनेज में ही विंबलडन फाइनल में अपनी जगह बना ली थी। लेकिन उनकी निजी जिंदगी में भूचाल आ रहा था। एक वक्त ऐसा आया था, जब उन्होंने टेनिस को छोड़ने का फैसला किया और अपनी करोड़ों की संपत्ति दान कर दी।
फाइनल में दिया था सभी को चौका
1983 में वो विम्बलडन में ग्रैंड स्लेम के फाइनल में पहुंची थी। इस दौरान उन्हें फाइनल में मार्टिना नवरातिलोवा से 6 1, 6 1 से हार का सामना करना पड़ा था। इस हार के बाद उन्होंने कहा था कि वो चाहती थी कि वो इस मैच को हार को हार जाएं।
झूठ बोलकर लिया था रिटायरमेंट
केवल 20 साल की उम्र में उन्होंने कंधे की चोट की वजह से रिटायरमेंट ले लिया था। लेकिन करीब 40 साल बाद उन्होंने इस राज से पर्दा हटाते हुए कहा कहा था कि उन्हें यौन उत्पीड़न और धमकियों की वजह से टेनिस को अलविदा कहना पड़ा था।
लॉकर रूम में हुआ था यौन उत्पीड़न
एंड्रिया जैगर ने बताया था कि लॉकर रूम में वुमेंस टेनिस एसोसिएशन के स्टाफ के किसी सदस्य ने उनके साथ यौन उत्पीड़न किया था। वो अंडर ऐज थी, तब उन्हें शराब पीला दी गई थी। इसके अलावा उनके जूतों में रेजर ब्लेड भी रख दिए जाते जाते थे। 985 के फ्रेंच ओपन में चोट लगने के बाद वो टेनिस से हमेशा के लिए हमेशा दूर हो गई थी।
बन गई हैं नन
इसके बाद उन्होंने हॉस्पिटल में काम किया था। उन्होंने फिजिकल एब्यूज का शिकार लोगों की मदद के लिए अपनी सभी ज्वेलरी, घड़ियां और कार बेच दी। उन्हें 2008 में डोमिनिकन नन के ऑर्डर में चुना गया था
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