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विनेश फोगाट को सहानुभूति देते-देते, छिप गई इस महिला पहलवान के दर्द की कहानी

Paris Olympics 2024 Vinesh Phogat: विनेश फोगाट के अयोग्य होने के बाद पूरा देश उनको सहानुभूति देने में लगा पड़ा है लेकिन उनको सहानुभूति देते-देते एक दूसरी महिला पहलवान की दर्द भरी कहानी हम भूल गए।
09:22 AM Aug 09, 2024 IST | Vishal Pundir
विनेश फोगाट को सहानुभूति देते देते  छिप गई इस महिला पहलवान के दर्द की कहानी
shivani panwar vinesh phogat

Paris Olympics 2024 Vinesh Phogat: पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 किग्रा महिला फ्री स्टाइल रेसलिंग में इस बार विनेश फोगाट फाइनल तक पहुंच गई थीं। ये पहली बार था जब विनेश ने फाइनल में जगह बनाई हो। लेकिन वो फाइनल मुकाबला खेल नहीं पाई। फाइनल से पहले विनेश का 100 ग्राम वजन बढ़ गया था, जिसके बाद उनको फाइनल खेलने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया।

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इसके साथ ही विनेश और भारत के गोल्ड मोडल जीतने का सपना भी टूट गया। इसके बाद से पूरा देश विनेश फोगाट को सहानुभूति दे रहा है। लेकिन विनेश को सहानुभूति देते-देते क्या हम दूसरी महिला पहलवान शिवानी पंवार के दर्द की कहानी को अनदेखा कर गए। चलिए आपको बताते हैं शिवानी के दर्द की कहानी..

ओलंपिक नहीं जा सकी शिवानी

मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्र छिंदवाड़ा के गांव उमरेठ की रहने वाली शिवानी की कहानी विनेश फोगाट की सहानुभूति में छिप गई है। एशियन चैंपियनशिप में 50 किग्रा में शिवानी ने तीन बार की विश्व चैंपियनशिप खिलाड़ी को हराया था। लेकिन शिवानी 50 किग्रा में पेरिस ओलंपिक नहीं जा सकीं और शिवानी की बजाय विनेश फोगाट को 50 किग्रा में भारत का प्रतिनिधित्व मिला। जिसके चलते शिवानी की कहानी गुमनाम बनकर रह गई।

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विनेश को लेकर शिवानी का बयान

पटियाला में जब ओलंपिक क्वालिफिकेशन के ट्रायल्स हुए तो अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संघ के नियम के मुताबिक पहलवान किसी एक वजन वर्ग में ही खेल सकता है लेकिन यहां विनेश को 50 किग्रा और 53 किग्रा में खिलाया गया। उनके एक मुकाबले के लिए 4 घंटे रोक दिए गए तो मैंने इसका विरोध करते हुए कहां अगर आगे ऐसे ही चलता रहा तो मैं कुश्ती छोड़ दूंगी। शिवानी का कहना है कि मैं किसी पहलवान के खिलाफ नहीं हूं लेकिन नियमों का पालन होना चाहिए।

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